Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana, Trilok Sharma
Publisher: Padma Prakashan

Previous | Next

Page 477
________________ समझने में चतुर), चिंतित - ( मानसिक विचार को पहचानने में ), प्रार्थित ( अभिलषित) को जानने मे कुशल और दक्ष होगी। वे अपने-अपने देश के वेश को पहनने वाली, निपुण, कुशल- प्रवीण एव प्रशिक्षित होगी । उनमें कोई कुब्जा (कुबड़ी) होगी, कोई चिलातिका (चिलात - किरात नामक देश मे उत्पन्न), वामनी (चीन), वडभी (बडे पेट वाली), बर्बरी ( बर्बर देश की), बकुश देश की, योनक ( यवन) देश की, पल्हविका (पल्हव देश की), ईसिनिका, वारुणिका (वरुण देश की), लासिका (तिब्बत देश की), लाकुसिका (लकुस देश की), द्रावडी ( द्रविड देश की), सिहली (सिंहल देश, लंका की ), पुलिंदी (पुलिद देश की ), आरबी (अरब देश की), पक्कणी ( पक्कण देश की), बहली (बहल देश की), मुरण्डी (मुरंड देश की), शबरी ( शबर देश की), पारसी (पारस देश की ) । इस प्रकार अनेक देश - विदेशों की तरुण दासियाँ उसकी देखभाल करने के लिए रहेंगी तथा अनेक वर्षधरों (नपुंसक बनाये हुए पुरुषों), कंचुकियों और महत्तरकों (अन्तःपुर के कार्य की चिन्ता रखने वालों) के समुदाय से वह दारक हर समय घिरा रहेगा। सेवा परिचर्या करने वाले उसे हाथों ही हाथों मे लेते दुलराते रहेंगे। एक गोद से दूसरी गोद में लेते हुए, गा-गाकर बहलाते हुए, क्रीडा आदि के द्वारा लालन-पालन मनोरंजन करते हुए लाड़ किया करेंगे। लोरियाँ सुनाते रहेगे। स्नेह से चुम्बन लेते और रमणीय मणिजटित प्रांगण में चलाते रहेंगे । इस प्रकार वह दारग व्याघातरहित गिरि-गुफा में स्थित श्रेष्ठ चम्पक वृक्ष के समान सुरक्षित सुखपूर्वक दिनोदिन परिवर्धित होगा - बढेगा । BRINGING UP OF DRIDH PRATIJNA 281. Thereafter child Dridh Pratijna, shall start growing in the charge of five nurses, namely - ( 1 ) nurse for providing milk (Ksheer Dhatri), (2) nurse for dressing him up (Majjan Dhatri), (3) nurse for giving him bath (Snan Dhatri), (4) nurse for nursing him in her lap (Ank Dhatri), and (5) nurse for playing with him (Kreera Dhatri). In addition to the above five nurses, many maid-servants shall look after him. For instance, those trained in understanding facial expression of the child (Ingit), those expert in knowing his mental attitude (Chintit) and those dext in knowing the inner desire (Abhilashit) of the child. They shall dress themselves in the usual dress of their country to which they belonged. They shall be intelligent and well trained. Some of them shall be of Kubja, some of Kirat, some dwarf of China, some with swollen belly (Vadabhi), some of Barbar, some of Bakush, some of Yonak, some of Palhavika, some of Eesinika, some of Varunika, some of Lasika, some of रायपसेणियसूत्र Rai-paseniya Sutra Jain Education International (412) For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499