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भासाविसारए गीयरई गंधव्वणट्टकुसले सिंगारागारचारुवेसे संगयगय-हसिय-भणिय
चिट्ठिय-विलास-निउणजुत्तोवयारकुसले हयजोही गयजोही रहजोही बाहुजोही 9 बाहुप्पमद्दी अलंभोगसमत्थे साहस्सीए वियालचारी यावि भविस्सइ। ___ २८४. इसके बाद वह दृढप्रतिज्ञ बालक बालभाव (बचपन) से मुक्त हो विज्ञान (विशेष ज्ञान-परिपक्व ज्ञान) युक्त, युवावस्था को प्राप्त होगा। बहत्तर कलाओ में पण्डित होगा, बाल्यावस्था के कारण मनुष्य के जो नौ अंग-दो कान, दो नेत्र, दो नासिका, जिह्वा, त्वचा
और मन सुप्त अर्थात् अव्यक्त चेतना वाले रहते हैं, वे जागृत हो जायेगे। अठारह प्रकार की देशी भाषाओ में कुशल हो जायेगा, वह गीत का अनुरागी, गीत और नृत्य में कुशल हो जायेगा। अपने सुन्दर वेश से शृगार का आगार-जैसा प्रतीत होगा। उसकी चाल, हास्य, भाषण, शारीरिक और नेत्रों की चेष्टाएँ आदि सभी संगत-सामान्य शिष्ट जनोचित होंगी। पारस्परिक आलाप-संलाप एवं व्यवहार में निपुण-कुशल होगा। अश्वयुद्ध, गजयुद्ध, रथयुद्ध, बाहुयुद्ध करने एवं अपनी भुजाओं से विपक्षी का मान-मर्दन करने में सक्षम एवं भोग भोगने की सामर्थ्य से सम्पन्न हो जायेगा तथा साहसी ऐसा हो जायेगा कि विकालचारी
(मध्य रात्रि में इधर-उधर जाने-आने में भी) भयभीत नहीं होगा। THE PHYSICAL CAPABILITY OF DRIDH PRATIJNA
___284. Thereafter, Dridh Pratijna after crossing the childhood shall reach the stage of youth well equipped with knowledge relevant to that stage. He shall be expert in seventy two arts relating to man. In childhood, the nine parts of the body namely-two ears, two eyes, two nostrils, the tongue, the skin and the mind are comparatively inactive but now (in youth) they shall become fully active. He shall be expert in eighteen native languages of the land. He shall start liking music and shall become expert in singing and dancing. In his beautiful dress he shall look like a treasure of beauty. His gait, smile, talk, physical activities, pointing of eyes and suchlike shall be in accordance with the ideal standard. He shall be expert in
friendly relationship and day to day dealings. He shall be capable of * successfully participating in horse-fight, elephant-fight, chariot
fight, hand-fight and in subduing the ego of his opponents with his arms. He shall be also capable to enjoy the sensual pleasures. He also shall be so much courageous that he shall not entertain any fear even in going anywhere at mid-night.
दृढ़प्रतिज्ञकुमार
Dridh Pratyna Kumar
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(419) NRBACHOPRAGNE BENGAPPS
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