Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana, Trilok Sharma
Publisher: Padma Prakashan

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Page 483
________________ कलाचार्य का सम्मान २८३. तए णं से कलायरिए तं दढपइण्णं दारगं लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणरुयपजवसाणाओ बावत्तरि कलाओ सुत्तओ य अत्थओ य गंथओ य करणओ य ॐ सिक्खावेत्ता सेहावेत्ता अम्मापिऊणं उवणेहिति।। तए णं तस्स दढपइण्णस्स दारगस्स अम्मापियरो तं कलायरियं विउलेणं * असण-पाण-खाइम-साइमेणं वत्थगंधमलालंकारेणं सकारिस्संति सम्माणिस्संति विउलं जीवियारिहं पीतिदाणं दलइस्संति दलइत्ता पडिविसजेहिंति। ॐ २८३. कलाचार्य उस दृढ़प्रतिज्ञ बालक को गणित प्रधान, लेखन (लिपि) से लेकर ॐ शकुनिरुत पर्यन्त बहत्तर कलाओं को सूत्र (मूल पाठ) से, अर्थ (व्याख्या) से, ग्रन्थ एवं प्रयोग से सिखलाकर, अभ्यास कराकर उस बालक को माता-पिता के पास ले जायेंगे। * तब उस दृढप्रतिज्ञ बालक के माता-पिता विपुल अशन, पान, खाद्य, स्वाद्य रूप चतुर्विध * आहार, वस्त्र, गंध, माला और अलंकारों से कलाचार्य का सत्कार, सम्मान करेंगे और फिर जीविका के योग्य पूरे जीवनभर के लिए विपुल प्रीतिदान (भेंट) देंगे। जीविका के योग्य ॐ विपुल प्रीतिदान भेंट देकर विदा करेंगे। HONOUR OF THE TEACHER OF ARTS 283. The teacher of arts shall teach Dridh Pratijna mathematics, language, the scripts, the reading of omens and all such seventy two arts of men. He shall teach him in this context the aphorisms, their meanings, its commentaries, their application. When he shall find that Dridh Pratijna has become expert in all the arts, he shall bring him to his parents. Then the parents of Dridh Pratijna shall honour the teacher by offering him sufficient food-stuff, liquids, sweets and fragrant a substances for consumption, clothes, garlands and ornaments. They shall further give him number of gifts that shall be sufficient for his entire remaining life-span. They shall see him off after all such offerings showing their respect for him. * दृढ़प्रतिज्ञ की भोगसमर्थता २८४. तए णं से दढपइण्णे दारए उम्मुक्कबालभावे विण्णायपरिणयमित्ते जोबणगमणुपत्ते बावत्तरिकलापंडिए णवंगसुत्तपडिबोहए अट्ठारसविहदेसिप्पगार " रायपसेणियसूत्र (418) Rai-paseniya Sutra Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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