Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana, Trilok Sharma
Publisher: Padma Prakashan

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Page 476
________________ ___ (c) O, the blessed ! Since the time this Jiva came in the womb of his mother, we have developed strong faith in religion. Our interest in it has increased, our love for it has developed. So we wish to call * him as 'Dridh Pratijna'. Thus he shall be baptised as 'Dridh Pratijna'. Thus his parents in the respective order shall hold the following celebration-(1) Sthiti-patita—The very childbirth, (2) Showing of moon and the sun, (3) Keeping awake throughout singing in 9 devotion, (4) Baptising ceremony (Naamkaran), (5) Tasting of food * (by the child), (6) Blessing ceremony, (7) Crowing of the child * taking steps and uttering words, (8) Piercing the ear, (9) First A birthday (when he is of one year), (10) Shaving of head. Many other celebrations connected with child-birth shall also be performed. दृढ़प्रतिज्ञ का लालन-पालन २८१. तए णं दढपइण्णे दारगे पंचधाईपरिक्खित्ते-१. खीरधाईए, २. मंडणधाईए, ३. मज्जणधाईए, ४. अंकधाईए, ५. कीलावणधाईए अन्नाहि बहूहिँ खुजाहिं, चिलाइयाहिं, वामणियार्हि, वडभियाहि, बब्बराहिं बउसियाहिं, जोण्हियाहिं, पण्णवियाहिं, ईसिणियाहिं, वारुणियाहिं, लासियाहिं, लाउसियाहिं, दमिलीहिं, सिंहलीहिं, पुलिंदीहिं, आरबीहिं, पक्कणीहिं, बहलीहिं, मुरंडीहिं, सबरीहिं, पारसीहि, Sणाणादेसी-विदेस-परिमंडियाहिं इंगिय-चिंतिय-पत्थिय-वियाणाहिं सदेसणेवत्थ गहियवेसाहिं निउणकुसलाहिं विणीयाहिं चेडिया-चक्कवाल-तरुणिवंदपरियालपरिबुडे वरिसधरकंचुइ-महयरवंदपिरक्खित्ते हत्थाओ हत्थं साहरिज्जमाणे उवनचिजमाणे P अंकाओ अंकं परिभुज्जमाणे उवगिज्जेमाणे उवलालिज्जमाणे उवगूहिज्जमाणे ht अवतासिञ्जमाणे परियंदिजमाणे परिचुंबिजमाणे रम्मेसु मणिकोट्टिमतलेसु परंगमाणे गिरिकंदर-मल्लीणे विव चंपगवरपायवे णिव्याघायंसि सुहंसुहेण परिवडिस्सइ। ___२८१. उसके बाद वह 'दृढप्रतिज्ञ' बालक पाँच धायों के संरक्षण में बढने लगेगा। * जैसे-(१) क्षीरधात्री-दूध पिलाने वाली धाय, (२) मंजनधात्री-वस्त्राभूषण पहनाने वाली धाय, (३) मजनधात्री-स्नान कराने वाली धाय, (४) अंकधात्री-गोद में लेने वाली धाय, और (५) क्रीड़ापनधात्री-खेल खिलाने वाली धाय-इन पॉच धायमाताओ के अतिरिक्त अन्य अनेक दासियाँ उसका पालन-पोषण करने के लिए होंगी। जैसे-इंगित-(मुख आदि की चेष्टा को VAROVALosatoD4809480DRO900 1 india दृढ़प्रतिज्ञकुमार 411 Dridh Pratyjna Kumar * Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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