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एवं च ताव पएसी ! तुमं जाणासि तहा वि णं तुमं ममं वामं वामेणं, दंडं दंडेणं, पडिकूलं पडिकूलेणं, पडिलोमं पडिलोमेणं, विविच्चासं विविच्चासेणं वट्टसि। ___२६१. प्रदेशी राजा के इस उपालंभ को सुनकर केशीकुमार श्रमण ने समाधान दिया
“हे प्रदेशी ! तुम जानते हो कितनी परिषदाएँ कही है ?" __ प्रदेशी-“जी हाँ, जानता हूँ। चार परिषदाएँ कही है-(१) क्षत्रिय परिषदा, (२) गाथापति परिषदा, (३) ब्राह्मण परिषदा, और (४) ऋषि परिषदा।"
__केशीकुमार श्रमण ने कहा-“प्रदेशी ! तुम यह भी जानते हो कि इन चार परिषदाओ के में अपराधियों के लिए क्या दंडनीति बताई गई है ?"
प्रदेशी-“हॉ, जानता हूँ। (१) जो क्षत्रिय परिषद् का (सदस्य) अपराध-अपमान करता 9 है, उसके या तो हाथ काट दिये जाते हैं अथवा पैर काट दिये जाते हैं या सिर काट दिया
जाता है, अथवा उसे शूली पर चढा देते हैं या एक ही प्रहार से कुचलकर प्राणरहित कर दिया जाता है-मार दिया जाता है।
(२) जो गाथापति परिषद् का अपराध करता है, उसे घास से अथवा पेड के पत्तो से अथवा पलाल-पुआल से लपेटकर अग्नि में झोंक दिया जाता है।
(३) जो ब्राह्मण परिषद् का अपराध करता है, उसे अनिष्ट, रोषपूर्ण, अप्रिय या अमनोज्ञ
शब्दो से उपालंभ देकर अग्नि में तपी हुई लोहे की कुंडिका का चिह्न अथवा कुत्ते के चिह्न * से लांछित कर दिया जाता है अथवा निर्वासित कर दिया जाता है, अर्थात् देश से निकल
जाने की आज्ञा दी जाती है।
(४) जो ऋषि परिषद् का अपमान-अपराध करता है, उसे न अति अनिष्ट यावत् न अति कठोर शब्दों द्वारा उपालंभ दिया जाता है।" ॐ केशीकुमार श्रमण-'हे प्रदेशी ! तुम इस प्रकार की दंडनीति को जानते हुए भी मेरे प्रति
विपरीत, परितापजनक, प्रतिकूल, विरुद्ध, सर्वथा विपरीत व्यवहार कर रहे हो?" me FOUR TYPES OF ASSEMBLY AND PUNISHMENT
261. At these remarks of king Pradeshi, Keshi Kumar Shraman said __Do you know of how many types are the assemblies ?" ___Pradeshi replies “Yes Sir ! I know that the assemblies are of four types—(1) Assembly of Kshatriya (brave), (2) Assembly of rich रायपसेणियसूत्र
Rai-paseniya Sutra Sex
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