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food and gave him the poisoned clothes to wear and poisoned
ornaments to put on. King Pradeshi wore those clothes and Me ornaments.
____Due to poisoned food, at once there appeared deep, unbearable, extreme, frightening, harsh, ferocious, cruel, increasing pain. Due to severe bilious fever, he felt burning and heat-producing sensation throughout in his body.
राजा प्रदेशी का संलेखनामरण ___२७८. तए णं से पएसी राया सूरियकंताए देवीए अत्ताणं संपलद्धं जाणित्ता
सूरियकंताए देवीए मणसावि अप्पदुस्समाणे जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ, पोसहसालं पमज्जइ, उच्चारपासवणभूमि पडिलेहेइ, दन्भसंथारगं संथरेइ, दब्भसंथारगं दुरूहइ, पुरत्थाभिमुहे संपलियंकनिसन्ने करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं अंजलिं मत्थए त्ति कटु एवं वयासी___नमोऽत्थु णं अरहंताणं जाव संपत्ताणं। नमोऽत्थु णं केसिस्स कुमारसमणस्स मम धम्मोवदेसगस्स धम्मायरियस्स, वंदामि णं भगवंतं तत्थ गयं इह गए, पासउ मे भगवं गए इह गयं ति कटु वंदइ नमसइ।
पुट्विं पि णं मए केसिस्स कुमारसमणस्स अंतिए थूलपाणाइवाए पच्चक्खाए जाव परिग्गहे, तं इयाणिं पि णं तस्सेव भगवतो अंतिए सव्वं पाणाइवायं पच्चक्खामि जाव
परिग्गहं, सव्वं कोहं जाव मिच्छादसणसल्लं, अकरणिजं जोयं पच्चक्खामि, सव्वं असणं * चउबिहं पि आहारं जावज्जीवाए पञ्चक्खामि।
जंपि य मे सरीरं इटुं जाव फुसंतु त्ति एवं पि य णं चरिमेहिं ऊसासनिस्सासेहि बोसिरामि।
त्ति कटु आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे * सूरियाभे विमाणे उववायसभाए जाव वण्णओ।
२७८. प्रदेशी राजा ने सूर्यकान्ता देवी के इस उत्पात-(षड्यंत्र, धोखे) को तुरन्त जान लिया। किन्तु फिर भी रानी के प्रति मन में लेशमात्र भी द्वेष-सेष नहीं आया। (अपनी मृत्यु । निकट जानकर) अत्यन्त शान्तभाव से जहाँ पौषधशाला थी, वहाँ आया। आकर पौषधशाला
की प्रमार्जना की। उच्चार-प्रस्रवण भूमि का प्रतिलेखन किया। फिर दर्भ का संथारा बिछाया
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केशीकुमार श्रमण और प्रदेशी राजा
( 403 ) Kesh Kumar Shraman and King Pradeshi
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