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पुन. केशीकुमार श्रमण ने पूछा- “क्यों ? अर्थात् वह उनके प्रवेश करने एवं रहने योग्य ॐ क्यो नहीं हो सकता?'
चित्त सारथी ने उत्तर दिया-“क्योंकि भदन्त ! वह वनखंड उपसर्ग-(त्रास, भय और खतरा) सहित होने से रहने योग्य नहीं है।"
तब केशीकुमार श्रमण ने चित्त सारथी को समझाने के लिए कहा-“हे चित्त ! इसी प्रकार तुम्हारी सेयविया नगरी कितनी ही अच्छी हो, परन्तु वहाँ भी प्रदेशी नामक राजा रहता है। * वह बडा अधार्मिक यावत् प्रजा को अधर्माचरण की ओर प्रेरित करने वाला, अधर्ममय * स्वभाव और आचार वाला, अधर्म से ही आजीविका चलाने वाला है। वह साक्षात् पाप का * अवतार है, धूर्त व तस्करों को उकसाने वाला, लांच-रिश्वत लेने वाला, वंचक-धोखा देने
वाला, मायावी, कपटी, बकवृत्ति वाला, किसी-न-किसी उपाय से दूसरो को दुःख देने वाला * है। द्विपद, चतुष्पद, मृग, पशु, पक्षी, सर्प आदि सरीसृपों की हत्या करने, उन्हे मारने,
प्राणरहित करने, उनका विनाश करने से साक्षात् अधर्मरूप है। प्रजाजनों से राज-कर लेकर भी उनका अच्छी तरह से पालन-पोषण और रक्षण नही करता है। अतएव हे चित्त ! मैं
उस सेयविया नगरी में कैसे आ सकता हूँ?'' THE REPLY OF KESHI KUMAR SHRAMAN
226. At the repeated requests of Chitta Saarthi, Keshi Kumar Shraman said-“O Chitta ! Imagine a forest-region which is dark and emitting dark aura. In other words it has thick growth of trees and is providing thick shade. Is it then fit for stay of men, animals and beasts like deer, birds, snakes and others or not.” ___Chitta replied—“Reverend Sir ! It is fit for their stay.” ।
Keshi Kumar Shraman again asked—“In case Bheelunga the * hunter who eats the flesh and drinks the blood of two legged, four * legged animals, deer, cattle, birds and snakes resides in that forestka region, is it still fit for stay of many men, animals, birds and snakes." * Chitta replied—“Sir! Under the above mentioned circumstances, it is not fit for entry and stay of men, animals and beasts."
Keshi Kumar Shraman again asked—“Why ? In other words why is it not suitable for entry of men and beasts ?"
Chitta Saarthi replied—“Sir ! That forest-region is a danger spot for them, so it is not fit for their entry and stay." रायपसेणियसूत्र
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Rar-paseniya Sutra
NONTONANOV
OVAONTA
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