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___ "Sir ! In Seyaviya city there are many other kings, masters, riches men decorated by the government, upto traders. They shall pay ** respect and bow to Shramans (saints), greet them and serve them. They shall offer food, drinks, sweets, articles of fragrant taste, board, bed, bedding and others and shall request them humbly to
accept the same." 9 Then Keshi Kumar Shraman said to Chitta—"O Chitta ! I shall
keep in mind your invitation.” चित्त का आगमन और उद्यानपालकों को आज्ञा
२२८. तए णं से चित्ते सारही केसि कुमारसमणं वंदइ नमसइ, केसिस्स कुमारसमणस्स अंतियाओ कोट्ठयाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ, जेणेव सावत्थी णगरी जेणेव रायमग्गमोगाढे आवासे तेणेव उवागच्छइ कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी
खिप्पामेवं भो देवाणुप्पिया ! चाउग्घंटे आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेह।
जहा सेयवियाए नगरीए निग्गच्छइ तहेव जाव वसमाणे कुणाला जणवयस्स मज्झमझेणं जेणेव केइयअद्धे, जेणेव सेयविया नगरी, जेणेव मियवणे उज्जाणे, तेणेवर उवागच्छइ। उज्जाणपालए सद्दावेइ एवं वयासी___ जया णं देवाणुप्पिया ! पासावच्चिज्जे केसी नाम कुमारसमणे पुवाणुपुत्विं चरमाणे, गामाणुगामं दूइज्जमाणे इहमागच्छिज्जा तया णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! केसि कुमारसमणं वंदिज्जाह, नमंसिज्जाह, वंदित्ता नमंसित्ता अहापडिरूवं उग्गहं अणुजाणेज्जाह, पाडिहारिएणं पीढ-फलग जाव उवनिमंतिजाह, एयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणेज्जाह। ____तए णं ते उज्जाणपालगा चित्तेणं सारहिणा एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठ जाव हियया । करयल-परिग्गहियं जाव एवं वयासी__तहत्ति, आणाए विणएणं वयणं पडिसुणंति।
२२८. (केशीकुमार श्रमण से आश्वासन प्राप्त कर) चित्त सारथी ने केशीकुमार श्रमण को वंदना की, नमस्कार किया और केशीकुमार श्रमण के पास से कोष्ठक चैत्य से बाहर
निकला। श्रावस्ती नगरी में राजमार्ग पर स्थित अपने आवास पर आया और कौटुम्बिक ॐ पुरुषों को बुलाकर कहारायपसेणिसूत्र
Rar-paseniya Sutra
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