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| चित्र परिचय-८ |
Illustration No. 8
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प्रदेशी राजा का उद्यान में आगमन दृश्य १
प्रदेशी राजा को उद्यान मे ले जाने के लिए चित्त सारथी प्रभात होते ही प्रशिक्षित चार घोडो का रथ सजाकर राजमहल के बाहर पहुँच गया और राजा को सूचना दी-"नव-प्रशिक्षित अश्वो से सजा रथ तैयार है।" सूचना पाकर राजा तैयार होकर महलो से नीचे उतर आया। दृश्य २
सूर्योदय की वेला मे राजा प्रदेशी रथ मे आरूढ हुआ और चित्त सारथी अत्यन्त तीव्र गति से घोडो को दौडता रहा। धूप तेज हो जाने पर राजा थक गया।
* घूमते-घूमते बहुत थक जाने पर चित्त सारथी विश्राम के लिए राजा को मृगवन उद्यान मे लाकर
एक सघन वृक्ष की छाया मे ठहरा देता है। श्रम दूर करने के लिए राजा छाया मे घूमता है। तभी दूर विशाल परिषद् के बीच उच्च आसन पर विराजमान केशीकुमार श्रमण पर उसकी दृष्टि पडती है तथा
उनकी गम्भीर ओजस्वी वाणी सुनाई देती है। राजा ने चित्त सारथी से पूछा-'इस विशाल मानव-समूह ॐ के बीच बैठे हुए अति गम्भीर ध्वनि से जोर-जोर से बोलने वाले ये कौन है ?''
-सूत्र २३५-२३७, पृष्ठ २९८-३०२
ARRIVAL OF KING PRADESHI IN THE GARDEN SCENE 1
At the dawn Chitta Sarathi came outside the palace with a four horse chariot to drive king Pradeshi to the garden He informed the king--"The chariot with four newly trained horses is ready" On getting this information the king got ready and came down from the palace SCENE 2
It was early morning when king Pradeshi boarded the chariot Chitta Sarathi drove the chariot with great speed As it got hot due to scorching sun rays the king got tired SCENE 3
After the long drive when the king got tired Chitta Sarathi brought him to a mango garden and stopped in the shade of a dense tree The king walked around in shade to refresh himself Suddenly he saw Keshi Kumar Shraman sitting on a high seat in a large congregation and heard his deep and commanding voice The king asked Chitta Sarathi_“Who is this person sitting in the midst of such a large congregation and speaking in deep and resonant voice?
-Sutras 235-237, pp 298-302
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