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___तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसे एत्थ णं महेगे उवगारियालयणे पण्णत्ते, एगं जोयणसहयसहस्सं आयामविक्खंभेणं, तिणि जोयणसयसहस्साई सोलस सहस्साई दोण्णि य सत्तावीसं जोयणसए तिनि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस य अंगुलाई अद्धंगुलं च किंचिविसेसूणं परिक्खेवेणं, जोयण बाहल्लेणं सव्वजंबूणयामए अच्छे जाव पडिरूवे।
१५३. सूर्याभ नामक देवविमान के अन्दर अत्यन्त समतल एवं अतीव रमणीय भूमिभाग है। शेष बहुत से वैमानिक देव और देवियों के बैठने से लेकर विचरण करने तक का वर्णन पूर्ववत् समझना चाहिए। किन्तु यहाँ वनखंड का वर्णन छोड देना चाहिए।
उस अतीव सम रमणीय भूमिभाग के बीचोंबीच एक उपकारिकालयन (प्रासाद में ऊपर जाने के लिए चढने की पीठिका-चबूतरा) बना हुआ है। जो एक लाख योजन लम्बा-चौड़ा है और उसकी परिधि (कुल क्षेत्र का घेराव) तीन लाख सोलह हजार दो सौ सत्ताईस योजन तीन कोस एक सौ अट्ठाईस धनुष और कुछ अधिक साढ़े तेरह अंगुल है। इसकी एक योजन मोटाई है। यह विशाल लयन पूरा का पूरा स्वर्ण का बना हुआ, निर्मल यावत् अतीव रमणीय है। DESCRIPTION OF SMALL PLATFORM TO ASCEND THE PALACE
153. There is an extremely levelled and very beautiful earthregion in Suryabh celestial Viman. The detailed account of sitting and upto moving about of most of the remaining Vaimanik gods and goddesses may be understood similar to that mentioned earlier. But here the account of forest-region may be ignored.
In the middle of that perfectly levelled earth-region, there is a small platform to ascend the palace. It is 0.1 million yojan long, 0.1 million yojan wide and its circumference is 0.316227 million yojan 3 kos 128 dhanush 13.5 anguls. Its thickness is one yojan. This entire platform is made of gold, is clean and very attractive.
१५४. से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेण य सव्वतो समंता संपरिक्खित्ते।
१५४. वह उपकारिकालयन सभी दिशा-विदिशाओं मे-सब ओर से एक पद्मवरवेदिका (वनखंडों की सीमा पर स्थित एक स्तम्भ जिस पर कमल आदि खुदे हुए हैं ॐ अथवा कमलाकृति में बनी वेदिका) और एक वनखंड (उद्यान) से घिरा हुआ है। (हेम.
अभि. ४/५९)
सूर्याभ वर्णन
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Description of Suryabh Dev
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