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159. That padmavarvedika has forest-region all around in all the four directions.
The width of the forest-region is a bit less than two yojans. Its circumference is equal to that of upkarikalayan (platform for ascending). Gods and goddesses more about there. The description till now is as mentioned earlier.
विवेचन - सूत्र सख्या १३६-१५१ मे वनखड का विस्तार से वर्णन किया है। उसी वर्णन को यहाँ पुन. करने का संकेत 'वणडवण्णओ भाणियव्वो जाव विहरंति' पद से किया है। सक्षेप मे उक्त वर्णन का साराश इस प्रकार है
“यह वनखड चारो ओर से एक परकोटे से घिरा हुआ है तथा वृक्षो की सघनता से हरा-भरा, अत्यन्त शीतल और दर्शको के मन को सुखप्रद है । वनखड का भूभाग अत्यन्त सम तथा अनेक प्रकार की मणियो और तृणो से उपशोभित है।
इस वनखड में स्थान-स्थान पर अनेक छोटी-बडी बावडिया, पुष्करणियाँ, गुँजालिकाये आदि बनी है । इन सबके तट रजतमय है और तल भाग मे स्वर्ण रजतमय बालुका बिछी हुई है। कुमुद, नलिन, सुभग, सौगंधिक, पुडरीक आदि विविध जाति के कमलो से इनका जल आच्छादित है।
इन वापिकाओ आदि के बीच के स्थानो में झूलने के लिए झूले - हिडोले लगे है और बहुत से उत्पातपर्वत, नियतिपर्वत, दारुपर्वत, दकमडप (पानी के फव्वारे), दकमालक, दकमच ( पानी के बीच मे बैठने के स्थान) बने हुए है।
इन वनखण्डो मे कही-कही कदलीगृह, लतागृह, मडप आदि बने है और विश्राम करने के लिए जिनमे हसासन आदि अनेक प्रकार के आसन तथा शिलापट्टक रखे है और जहाँ बहुत से देव - देवियाँ आ-आकर विविध प्रकार की क्रीडाऍ करते हुए पूर्वोपार्जित पुण्यकर्मो के फलविपाक को भोगते हुए आनन्दपूर्वक विचरण करते है ।"
इस वर्णन को पढकर लगता है आज के आधुनिकतम विकसित और समृद्ध देशो मे भी इस प्रकार का मनोरम, सुन्दर और सर्व सुविधा सम्पन्न उपवन, सरोवर कही नही होगा। वर्णन की मनोहर शैली से अनुमान किया जा सकता है कि वर्णन करने मे भी शास्त्रकार ने कितना यथार्थ सटीक शब्द-शिल्प प्रस्तुत किया है।
Elaboration — Detailed description of forest-region is in aphorisms 136 to 151. The same description should be considered here is the purport of 'Vansand vannao bhaniyavvo jaav viharanti.' In brief the said description is as under
"The forest has a boundary wall all around. It is green because of thickly grown trees. It is very cool and pleasant to the visitors. The forestregion is perfectly levelled and is shining bright due to jewels and grass of various types.
सूर्याभ वर्णन
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Description of Suryabh Dev
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