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emanation. Thereafter with fluid emanation process, they created 1008 gold pots, silver pots, jewel pots, silvery gold pots, golden jewelled pots, silvery jewelled pots, silvery golden and jewelled pots, earthen pots-all 1008 each. They then created 1008 auspicious jars, mirrors, plates, small pots, earthen bowls, empty pots, jewel boxes, flower baskets, baskets containing mops of peacock feathers,
flower boards, boards having mops of peacock feathers, thrones, a umbrellas, chamaries, oil boxes, coryllium boxes, flags, incense Hd pots-1008 each. The entire description may be considered as in M aphorism 13/7.
(२) विउव्वित्ता ते साभाविए य वेउब्बिए य कलसे य जाव कडुच्छुए य गिण्हंति, गिण्हित्ता सूरियाभाओ विमाणाओ पडिनिक्खमंति, पडिनिक्खमित्ता ताए उक्किट्ठाए चवलाए जाव तिरियमसंखेजाणं जाव वीतिवयमाणे वीतिवयमाणे जेणेव खीरोदयसमुद्दे
तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता खीरोयगं गिण्हंति, जाइ तत्थुष्पलाई ताइं गेहंति जाव ॐ सयसहस्सपत्ताई गिण्हंति।
गिण्हित्ता जेणेव पुक्खरोदए समुद्दे तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता पुक्खरोदये गेहंति, जाई तत्थुप्पलाई सयसहस्सपत्ताई ताई जाव गिण्हंति। ___ (२) (कलशो आदि की) विकुर्वणा करके उन स्वाभाविक और विक्रियाजन्य कलशो
यावत् धूपकडुच्छकों को अपने-अपने हाथों में लिया और सूर्याभ विमान से बाहर निकले। * अपनी उत्कृष्ट चपल, दिव्य, उत्कृष्ट गति से चलते हुए तिर्यक् लोक मे असंख्यात योजन * प्रमाण क्षेत्र को पार करते हुए क्षीरोदधि समुद्र तट पर आये। वहाँ आकर कलशों में
क्षीरसमुद्र का जल भरा तथा वहाँ के उत्पल, कुमुद, शतपत्र, सहस्रपत्र आदि कमलों का
चयन किया। ___फिर पुष्करोदक समुद्र के पास आये। पुष्करोदक समुद्र का जल कलशों में भरा तथा वहाँ के उत्पल, शतपत्र, सहस्रपत्र आदि कमल लिये।
(2) After creating pots with fluid emanation process, they held the natural and fluid process created pots in their hands and came
out from Suryabh Viman. Moving at their extremely fast, celestial * high speed, they crossed innumerable yojans area in this middle the world and arrived at the bank of Ksheer-odadhi ocean (ocean of the
sweet milky water). They then filled their pots with the water of S. रायपसेणियसूत्र
Rar-paseniya Sutra **
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