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vegetation, many made of plantain trees, many made of creepers, many made of proper platforms for rest, many to see the scenery or theatrical performances, many for taking bath, many for decorating
the body, many underground, many for amorous activities, many 9 made of pine trees, many houses with barred windows, many
flower-houses, many houses decorated with paintings, many houses for dances and music, many houses made of glass. All these houses are made of gems are very clean and upto extra-ordinarily
attractive.
१४८. तेसु णं आलियघरगेसु जाव आयंसघरगेसु तहिं तहिं घरएसु हंसासणाई जाव दिसासोवत्थिआसणाई सब्बरयणामयाइं जाव पडिरूवाई।
१४८. उन आलिगृहों यावत् आदर्शगृहों में सर्वरत्नमय यावत् अतीव मनोहर हंसासन यावत् दिशा-स्वस्तिक आसन रखे हैं।
148. In all the said houses made of vegetation upto glass-houses, open there are very nice seats having signs of swan upto signs of swastik. वनखंडवर्ती मंडपों का वर्णन
१४९. तेसु णं वणसंडेसु तत्थ तत्थ देसे तहिं तहिं बहवे जातिमंडवगा, जूहियामंडवगा, मल्लियामंडवगा, णवमालियामंडवगा, वासंतिमंडवगा, दहिवासुयमंडवगा,
सूरिल्लियमंडवगा, तंबोलिमंडवगा, मुद्दियामंडवगा, णागलयामंडवगा, 9 अतिमुत्तयलयामंडवगा, अप्फोयामंडवगा, मालुयामंडवगा, अच्छा सबरयणामया जाव पडिरूवा।
१४९. उन वनखंडो में विभिन्न स्थानों पर बहुत से जातिमंडप (जाई के कुंज), यूथिकामंडप (जूही की बेल के मडप), मल्लिकामंडप, नवमल्लिकामंडप, वासंतीमंडप, दधिवासुकामडप (वनस्पति-विशेष), सूरिल्लिमंडप (सूरजमुखी के मंडप), नागरबेलमडप, मृद्वीकामडप (अगूर की बेल के मडप), नागलतामंडप (पानों की बेल के मडप), अतिमुक्तक लतामंडप (माधवीलता के मंडप), अप्फोयामंडप (सुगन्धित फूलों वाली लताकुंज) और मालुकामंडप बने हुए हैं। ये सभी मंडप अत्यन्त निर्मल, सर्वरत्नमय यावत् अतीव मनोहर हैं। DESCRIPTION OF PAVILIONS IN FOREST-REGIONS
149. At many places in the forest-regions, there are many pavilions of jati creepers, of jasmine creepers, mallika creepers, navmallika creepers, vasanti creepers, dadhivasuka creepers, sunसूर्याभ वर्णन
Description of Suryabh Deu
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