Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana, Trilok Sharma
Publisher: Padma Prakashan
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तेसि णं तोरणाणं पुरओ नागदंता पन्नत्ता, जहा हेद्वा जाव दामा। (२) उन तोरणों में से प्रत्येक के आगे दो-दो पुतलियाँ स्थित हैं। पुतलियों का वर्णन सूत्र ११८ के अनुसार जानना चाहिए। ___ उन तोरणों के आगे दो-दो नागदंत (खूटे) हैं। मुक्तादाम पर्यन्त इनका वर्णन पूर्व वर्णित नागदन्तों के समान जानना चाहिए।
(2) There are two puppets in front of each of the said festoons. The description of puppets may be considered similar to that in aphorism 118.
There are two big pegs in front of each of these festoons. The description upto 'Mukta dama' in the present case should be considered similar to the earlier described pegs.
(३) तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो-दो हयसंघाडा, गयसंघाडा, नरसंघाडा, किन्नरसंघाडा, किंपुरिससंघाडा, महोरगसंघाडा, गंधवसंघाडा, उसभसंघाडा, सबरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा, एवं पंतीओ वीही मिहुणाई।
तेसि णं तोरणाणं दो-दो पउमलयाओ जाव सामलयाओ, णिच्चं कुसुमियाओ सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा।
तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो-दो दिसा-सोवत्थिया पन्नत्ता, सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा।
(३) उन तोरणों के आगे दो-दो अश्व, गज, नर, किन्नर, किंपुरुष, महोरग, गन्धर्व और वृषभ संघाट-(युगल) बने हैं। ये सभी रत्नमय, निर्मल यावत् असाधारण रूप-सौन्दर्य वाले हैं। इसी प्रकार से इनकी पंक्ति (श्रेणी) वीथि और उनके सामने मिथुन-स्त्री-पुरुषयुगल
बने हुए हैं। ____ उन तोरणों के आगे दो-दो पद्मलतायें यावत् अनेक प्रकार की श्यामलताएँ हैं। ये सभी
लतायें पुष्पों से लदी हुई और रत्नमय यावत् मनोहर हैं। ___उन तोरणों के अग्र भाग में दो-दो दिशा-स्वस्तिक रखे हैं, जो सर्वात्मना रत्नों से बने हुए, निर्मल यावत् अतीव मनोहर हैं।
(3) In front of those festoons, there are horses, elephants, men, 3 kinnar, kimpurush, mahorag, gandharv (the demon gods) and en
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सूर्याभ वर्णन
(119)
Description of Suryabh
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