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मूलाराधना
आश्वास
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REASEAN
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रंगत्तरंगमालाकुलगंभीरनीलनीरपूरितङ्गदा । विषयसुखसेवामिष दुरंततपानुबंधनोद्यतां । संमृतिमिव दुरुत्तरामाशामिवाति विशालो । कर्मपुद्गल संहतिमिव विचित्रविपत्करी दर्शयति । तद्दर्शनाच ते दूरादेव समुद्भूतोत्कंठा लब्धजीविता:संजाता:स्म इति मन्यमानाः । द्रुततरगतयस्तामवगाहन्ते । तदनंतरमेव कृतांजलयः पयः पिबन्ति तापताम्रोयमिवात्यंतसर्वांगीणदाहविधायि । ततश्च तेषां हा विप्रलब्धाःस्म इति करुण रसता शिरांसि करचरणं च परुषतमसमीरणप्रेरणोच्छ्रिततरंगातिनिशितासिधारा निकृन्तन्ति ।। सेन च भूशोष्णक्षारयारिणा कालकूट विषदोपहारिणा, प्रणांतरप्रवेशिना, दसमाना सदिति पुनर्घटितशिरःकरचरणास्तटमघरदत्तस्ते चटंति । ततश्च तेऽसुरकुमारास्तान्पशंखलाबद्भदुर्विमोचमहाशिलाकूटकंघरस्तस्यामेव पातयन्ति । सम्रपतनिमसानोमजलाना दिस असुरममितमहामकरकरप्रहारेण जर्जरीभूय निपतन्ति । सतश्च ते तटमारूढाःपुनःसंयोजित शिरसां तेषां ताः शिलाः पुननिश्चलं बध्नति । करदालुगं कदंचसुकुमारपालिका वज्रदलालंकृता प्रदीपयदिरोगारनकाशा । अदिगम्म प्राप्य । तत्रागात्यासुरैःसंचार्यमागो यच दुःखं प्राप्तस्रात्सासि (?) प्रतिमनस्यवधारयेति अपकशिश्ना पादनं ।।
. अर्थ--श्यामशबल नामके असुर देवों के द्वारा बतरणी नदीम नारकिओंको जो मुःख दिया जाता है उसका क्षपक तू स्मरण कर. जिनको तीब प्यास लगी है, जो पानीको ढूंढ रहे हैं. चारों दिशाओम दीन नेत्र लगाकर जो देख रहे हैं, जिनकी तालु प्याससे सुख गई है, ऐम नारकिओंको वे असुरदेव वैतरणी नदी दिखाते हैं.
यह नदी अनेक तरंगोंसे उछलती हैं, इसमें अगाध पानीसे अनेकसरोवर भरे हुए रहने है. विषयका सेवन जैसे तृष्णाको बढाता है वैसी यह दु:खदायक नदी प्यास को बढ़ानी हैं, संसारसे निकलना जैसे कठिन है वैसे वैतरणी नदी में प्रवेश करनेसे उसमसे बाहर निकलना नितांत कठिन है. यह नदी आशाके समान विशाल है. कर्म के मुदल जैसी अनेक तरहकी आपत्तिओंको उत्पन्न करते हैं वैसी यह नदी भी नारकिआको अनेक प्रकारके दुःख देती है. इस नदी का दर्शन होते ही नारकिआको इसमें प्रवेश करनेकी उत्कंठा उत्पन्न होती है. अब हमारे सब दुःख नष्ट होंगे और हम सुखसे जीयेंग ऐसा समझकर वे उसमें जलदी प्रवेश करते हैं,
उसमें प्रवेश करते ही वे अपनी अंजलिओस तांचके यके समान लाल रंगका पानी पीना शुरू करते हैं. परंतु जैसे कठोर भाषण हृदय को संवत करता है वैसा बह जल मनको अतिशय दुःख उत्पन्न करता है. तब हाय हाय हम बिलकुल फस गये हैं ऐसा करुण बचन बोलते हैं. अतिशय कठोर बापूसे उछले हुए जलतरंगरूप तरमारियोंसे
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TANTRadhaarATA