________________
लाराधना
१७९०
अर्थ-यहां तक जो इंगिनी मरणका विधि कहा है उसको सिद्ध करके कोई मुनि संपूर्ण कर्मक्लेशों को दूर करके मुक्त होते हैं. और कोइ वैमानिक देव होते हैं.
एवं इंगिणिमरणं वाससमासेण वणिदं विधिणा || पाओग मणणिमित्रो समासदो चेव वशेसि ॥। २०६२ ॥ इंगिनी मरणं प्रोकं समासव्यासयोगतः ॥
प्रायोपगमनं वक्ष्ये व्यासेन विधिनाधुना ॥ २१३४ ॥ विजयोदय-स्पष्टार्थी गाथा | शंगिणी ॥
प्रकृतमुपसंहरन्नुपदे श्यांवरमुपक्षिपति
मुळारा - वासमासेण समासवर्णनात्र 'जो सत्तापदिष्णादिवि एवमिंगिणी मरणव्याख्यानं समाप्तम् ॥
अर्थ - इस प्रकार इंगिणी मरणका विधि विस्तारसे और समाससे संक्षेपसे हमने वर्णन किया है. अब आगे मान मरणका संक्षेप से वर्णन करते हैं. इंगिणी मरणका वर्णन समाप्त हुआ.
पाओगमणमरणस्स होदि सो चेव वुवकमो सवो ॥
gat इंगिणिमरणरसुमो जो सवित्थारो ॥ २०६६ ।। इंगमरवाचि प्रक्रमो यो. विशेषतः ॥
प्रायोपगमनेऽप्येष द्रष्टव्यः श्रुतपारगैः ॥ २१३५ ॥
विजयोदया - स्पष्टार्थः ॥
अथातःपरवैयावृत्यानपेश्वालक्षणं पंडितमरणं स्वतृतीयविकल्पं प्रायोपगमन मरणं गाथानकेन व्याधिरूपासुरादौ तदुपक्रममतिदिशति
मूलारा स्पष्टम् ॥
कर
आव
८
१७९०