Book Title: Gnata Dharmkathanga Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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- ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
कोमलता में उस शय्या का स्पर्श मृग-चर्म बूर संज्ञक वनस्पति विशेष तथा मक्खन के सदृश था।
ऐसी सुन्दर शय्या पर सोई हुई रानी धारिणी ने रात के पिछले प्रहर-आधी रात के समय, .. जब न तो वह गहरी नींद में थी, और न जाग ही रही थी, बहुत हलकी सी नींद में ऊँघ रही. थी, स्वप्न में देखा-एक विशाल लगभग सात हाथ ऊँचा, चांदी के पर्वत के शिखर के समान श्वेत, सौम्य-सुन्दर, मोहक आकृति युक्त, उल्लास युक्त लीलामयी भावमुद्रा में जम्हाई लेते हुए हाथी ने, उसके मुख में प्रवेश किया। देखकर वह जाग गई। ___विवेचन - मानव स्वभावतः एक सौन्दर्य प्रिय प्राणी है। आध्यात्मिकता एवं लौकिकता. की दृष्टि से सौन्दर्य दो प्रकार का है। निर्मल, पावन संस्कारों के कारण जिनका अन्तःकरण आत्मा के निरावरण, शुद्ध ज्योतिर्मय स्वरूप के सौन्दर्य से जुड़ जाता है, वे भौतिक सुखसुविधा, प्रियतामय जीवन से मुँह मोडकर साधना का पथ अपना लेते हैं। जिनका रूझान लौकिकता से जुड़ा होता है, वे बाह्य सौन्दर्य से आकृष्ट रहते हैं। यदि साधन प्राप्त हों तो अपने रहने के स्थान, वस्त्र, पात्र, आदि सभी उपकरण मनोविनोद के विविध साधन सुन्दर, सुन्दरतर, सुन्दरतम हों, ऐसी आकांक्षा उनके मन में उदित रहती है। मानव की यही प्रवृत्ति ललित - कलाओं के उद्भव और विकास का मूल बीज है। ___स्थापत्य-वास्तु कला, चित्रकला, मूर्तिकला, काव्यकला एवं संगीत कला के रूप में पांच ललितकलाओं की मान्यता संप्रतिष्ठित हुई।
दैनन्दिन जीवन एवं मानसिक उल्लास, हास-विलास आदि कार्यकलापों में सौन्दर्य ढालने की दृष्टि से कलाओं का विस्तीर्ण रूप में विकास हुआ। पुरुषों के लिए बहत्तर तथा स्त्रियों के लिए चौसठ कलाओं का आगमिक उल्लेख इसी का द्योतक है।
प्रस्तुत सूत्र में धारिणी के अत्यंत सुन्दर, सुनिर्मित, सुसज्जित भवन का जो वर्णन हुआ है, वह भारत की अतीव उन्नत वास्तु कला का प्रतीक है। भवन के प्रत्येक भाग, अंगोपांग के निर्माण में कितनी सुन्दरता और भव्यता को दृष्टि में रखा जाता रहा है, वह इस वर्णन से स्पष्ट
आगम-वाङ्मय की रचना का मुख्य उद्देश्य प्राणी मात्र का आत्म-कल्याण है। अतः व्रत, त्याग, तप, वैराग्य आदि का उसमें विस्तृत विवेचन है। साथ ही साथ लोगों के ऐहिक जीवन का भी विशद वर्णन है।
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