Book Title: Gnata Dharmkathanga Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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शैलक नामक पांचवाँ अध्ययन - राजा मण्डुक द्वारा चिकित्सा-व्यवस्था
२६६
शैलक अनगार को वंदन नमन कर जिस दिशा से आया था, उसी दिशा में चला गया। प्रातःकाल होने पर सूर्य की रश्मियाँ भूमि पर फैल जाने पर शैलक पात्र, उपकरण आदि लेकर अपने पंथक आदि पांच सौ अनगारों के साथ शैलकपुर में प्रविष्ट हुआ, मण्डुक राजा की यानशाला में आया। वहाँ आकर प्रासुक पाट यावत् अवगृहीत कर वहाँ ठहरा।
(६२) तए णं से मंडुए राया तिगिच्छए सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी-तुब्भे णं देवाणुप्पिया! सेलगस्स फासुएसणिजेणं जाव ते. गिच्छं आउट्टेह। तए णं तिगिच्छया मंडुएणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठा सेलगस्स रायरिसिस्स अहापवत्तेहिं ओसहभेसजभत्तपाणेहिं तिगिच्छं आउट्टेति मजपाणयं च से उवदिसंति। तए णं तस्स सेलगस्स अहापवत्तेहिं जाव मजपाणएण य से रोगायंके उवसंते जाए यावि होत्था हट्टे बलियसरीरे (मल्लसरीरे) जाए ववगय-रोगायके।
- शब्दार्थ. - मजपाणयं - मादक आसव विशेष, ववगयरोगायंके - व्यपगत रोगातंकरोग रहित। ... भावार्थ - राजा मण्डुक ने चिकित्सकों को बुलाया और कहा - देवानुप्रियो! अनगार
शैलक की प्रासुक, एषणीय यावत् औषधि, भेषज, पथ्य खान-पान द्वारा चिकित्सा करें। .. राजा मण्डुक द्वारा यों कहे जाने पर चिकित्सक हर्षित एवं प्रसन्न हुए। उन्होंने मर्यादानुकूल कल्पनीय औषध, भेषज एवं पथ्य खान-पान द्वारा राजर्षि की चिकित्सा की। साथ ही साथ नींद लाने वाली, पीने की विशेष दवा लेने की राय दी। यथा प्रवृत्त-नियम-मर्यादानुरूप यावत् निद्राकारक दवा के प्रयोग द्वारा उसका रोग उपशांत हो गया। वह हृष्ट एवं परितुष्ट हुआ, यावत् उसका शरीर बल युक्त एवं रोग मुक्त हो गया।
विवेचन - इस सूत्र में शैलक अनगार की चिकित्सा में चिकित्सकों द्वारा ‘मजपाणयं' - मद्यपानक का परामर्श देने का जो उल्लेख हुआ है। वहाँ प्रयुक्त 'मद्य' शब्द 'मदिरा' के अर्थ में नहीं है। क्योंकि साधुओं के लिए मद्यपान का किसी भी स्थिति में विधान नहीं है। उन्हें देह त्याग भले ही करना पड़े, पर वे मद्यपान कभी स्वीकार नहीं कर सकते। क्योंकि उनके लिए देह तभी तक रक्षणीय है, जब तक वह संयम का साधक रहे, बाधक नबने। 'माद्यति अनेक इति मद्यम्'-जिसके द्वारा मनुष्य अपना भान भूल जाए उसे 'मद्य' कहा जाता है। जहाँ इसका
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