________________
कूर्म नामक चतुर्थ अध्ययन - सियारों का दुष्प्रभाव
२५१
उवागच्छित्ता तस्सेव मयंगतीरदहस्स परिपेरतेणं परिघोलेमाणा वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति तए णं ते पावसियाला ते कुम्मए पासंति २ त्ता जेणेव ते कुम्मए तेणेव . पहारेत्थ गमणाए।
भावार्थ - उसके बाद वे पापी सियार आहार की खोज में मालुकाकच्छ से बाहर निकले, मृतगंगतीर द्रह के निकट आए और उदरपूर्ति की चिंता में उसके इर्द-गिर्द घूमने लगे। उन पापी सियारों की दृष्टि कछुओं पर पड़ी और वे उस ओर जाने में प्रवृत्त हुए।
.. कछुओं द्वारा अंगगोपन
.. तए णं ते कुम्मगा ते पावसियालए एजमाणे पासंति २ त्ता भीया तत्था तसिया उब्विग्गा संजायभया हत्थे य पाए य गीवाए य सएहिं २ काएहिं साहरंति २ त्ता णिच्चला णिप्फंदा तुसिणीया संचिट्ठति।
शब्दार्थ - गीवाए - गर्दन, काएहिं - शरीर में, साहरंति - समेट लेते हैं।
भावार्थ - कछुओं ने पापी सियारों को आते हुए देखा, वे भयभीत एवं उद्विग्न हो गए। उन्होंने अपने हाथ, पैर एवं गर्दन को अपने-अपने शरीर में समेट लिया-छिपा लिया। वे निश्चल-हलचल रहित एवं निःशब्द हो गए।
सियारों का दुष्प्रभाव
()
तए णं ते पावसियालगा जेणेव ते कुम्मगा तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता ते कुम्मंगा सव्वओ समंता उव्वत्तेति परियत्ाति आसारेंति संसारेंति चालेंति घटेंति फंदेति खोमेंति णहेहिं आलुंपंति दंतेहिं य अक्खोडेंति णो चेव णं संचाएंति तेसिं कुम्मगाणं सरीरस्स आबाहं वा पबाहं वा वाबाहं वा उप्पाएत्तए छविच्छेयं वा करेत्तए। तए णं ते पावसियालगा एए कुम्मए दोच्चंपि तच्वंपि सव्वओ समंता
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org