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world. He was a great tapasvi and propagated truth and Non-violence.
ભગવાન મહાવીરના સંદેશા માત્ર એક ધર્મ કે સમાજવિશેષ માટે નહોતા. એ તો સંપૂર્ણ વિશ્વ માટે હતા. તેઓ મહાતપસ્વી હતા અને સત્ય અને અહિંસાના પ્રરૂપક હતા. -Purashottamdas Tandon
Bhagwan Mahavira propagated that religion cannot be practised by observing social customes but by following the path of truth and non-violence. There cannot be divisions among human beings. It is astonshing that Mahavira's preaching erased the distinctions and won over the entire country.
महावीर स्वामी ने विश्व को ऐसा संदेश दिया कि धर्म केवल सामाजिक रुड़ियों के पालन करने में नहीं किन्तु सत्य धर्म का आश्रय लेने से मिलता है। धर्म में मनुष्य के प्रति कोई स्थायी भेदभाव नहीं रह सकता। कहते हुए आश्चर्य होता है कि महावीर की इस शिक्षा ने समाज के हृदय में जड़ जमाकर बैठी हुई भेद भावना को दूर कर सौहाद्रता के बीज अंकुरित कर सारे विश्व को अपनी ओर आकर्षित कर लिया ।
પ્રભુ મહાવીરે પોતાના ઉપદેશોના કારણે આખા દેશનું દિલ જીતી લીધેલ.
-Ravindranath Tagore
Bhagwan Mahavira was Jina, a victor, though he had neither fought a war nor had won any country. He had conquered his own self by fighting against his own instincts.
Bhagwan Mahavira is such an ideal before us who got rid of all the worldly and material attachments and became victor by discovering the path leading to enlightenment.
This country, since his birth, has been founded on these ideals.
પ્રભુ મહાવીર જિન હતા; વિજેતા હતા. એમણે એક પણ યુદ્ધ લડવું નથી કે દેશ જીત્યા નથી છતાં એમને આત્મવિજય પ્રાપ્ત કરેલો. આ દેશ એજ આદર્શોને વરેલો છે.
महावीर को 'जिन' अर्थात् विजेता की उपाधि प्राप्त है । किन्तु किसी देश को नहीं जीता। उन्होंने विजय प्राप्त की थी अपने अंतरंग पर वे महावीर कहलाये, इस कारण नहीं कि उन्होंने संसार के किन्हीं युद्ध में भाग लिया हो। किन्तु उन्होंने अपनी
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ધન્ય ધરાઃ
आत्मप्रवृत्तियों से युद्ध कर उन पर विजय प्राप्त की थी। दृढ़ता के साथ तप, संयम और आत्मशुद्धि एवं ज्ञानोपासना के द्वारा उन्होंने मनुष्य जीवन में ही देवत्व प्राप्त कर लिया था । अतः हम उनका जन्मोत्सव मना रहे हैं, उसका ध्येय वही है कि उनके उदाहरण से दूसरों को भी आत्मविजय के उच्च आदर्श की ओर बढ़ने का मार्द मिल सके।
जो सदा स्वाधीन हो जाता है वही 'अर्हत' है वह जन्ममरण तथा काल के वशीभूत नहीं रहता। भगवान महावीर हमारे सन्मुख एक ऐसे ही आदर्श पुरुष के रूप में उपस्थित हुए ।
-Dr. Sarvapalli Radhakrishanan
The message of Bhagwan Mahavira is not for any particular community or sect but for the entire world. If one follows his preaching, one can lead an ideal life. Peace and happiness will prevail in the world only when we choose to follow the path shown by him.
પ્રભુ મહાવીરના સંદેશાઓ જીવનમાં અપનાવવાથી જીવમાત્રને સુખ અને શાંતિ મળે છે.
भगवान महावीर का अहिंसा, अनेकांत का सन्देश किसी खास जाति या फिरके के लिए नहीं, बल्कि समस्त संसार के लिए है अगर जनता महावीर स्वामी के उपदेश के अनुसार चले तो वह अपने जीवन को आदर्श बनाले संसार में सच्चा सुख और शांति उसी सूरत में प्राप्त हो सकती है, जबकी हम उनके बताये मार्ग पर
चलें ।
-Chakravarti Rajgopalachari
श्रमण भगवान महावीर ने आज से ठाई हजार वर्ष पूर्व पीड़ित एवं पद दलित मानवताको सत्य, अहिंसा, शान्ति एवं सद्भावका जो संदेश दिया था उसका केवल प्रचार ही नहीं करना है, अपितु उनके उपदेशों एवं आदर्शों को अपने जीवन में ढालने की भी आवश्यकता है।
राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन
तीर्थकर महावीर का सबसे बड़ा योगदान उनका यह संदेश है कि सत्य की तलाश करो और इसके लिए अहिंसा का मार्ग अफनाओ। इसी अहिंसा शस्त्र से हमारे ही समय में महात्मा गांधी ने महाशक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य को पराजित किया। यद्यपि उनके वक्त में भी लोग अहिंसा शस्त्र के उपादेयता पर शक करते रहे । देश में बहुत तरक्की हुई है पर इस उन्नति के बावजूद सभी अमीर
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