________________ नीति-शिक्षा-संग्रह नहीं होता, बुद्धिमान लोग मरे हुए का, नष्ट हुई वस्तु का, बीती हुई बात का आगे होने वाले भनिष्ट का शोक नहीं करते, शोक करने से दुःख कम नहीं होता, बल्कि बढ़ जाता है; जीवन में शोक और भय के हजारों मौके आते हैं; परन्तु बुद्धिमान शोक नहीं करते / शोक आदि मूों ही पर अपना अधिकार जमा सकते हैं। 84 हर किसी का जल्दी विश्वास मत कर लो। जिस किसी में झूठा भ्रम भी मत करो। खूब देखो जाँचो यदि विश्वास के योग्य हो तो विश्वास करो, अन्यथा विश्वास मत करो। हमने देखा है कि जल्दी ही चाहे जिसका विश्वास करने वाले अपने प्राणों को मृत्यु के गोद में रख चुके हैं। 85 वर्षा में जहां तक हो सके, कम जल पीना शरद् ऋतु में जरूरत के माफिक नियमानुसार जल पीना, जाड़े मे निवाया जल पीना, वसन्त में मन चाहे जैसा जल पीना, तथा गर्मी में औटासा हुआ जल ठंडा करके पीना हितकारी है / . 86 पहला भोजन पच जाने पर भोजन करना, मल मूत्र आदि के वेगों को न रोकना, ब्रह्मचर्य रखना, हिंसा न करना और चिन्ता न करना, ये पांचों बातें स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त आवश्यक हैं / 87 बालकों के ज्वर आदि रोगों की रामबाण दवा-(१) काकड़ासिंगी, नागरमोथा, और अतीस, इन तीनों को बराबर लेकर