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करते हैं, इसका विवेचन चैत्यवंदन द्वार में किया गया है । प्र.200 आशातना द्वार में किसका वर्णन किया गया हैं ? उ. जिनमंदिर सम्बन्धित दस मूल आशातनाओं का विवेचन आशातना द्वार
में किया गया हैं। प्र.201 चौबीस द्वारों के सर्व स्थान कितने है ? उ. चौबीस द्वारों के 2074 सर्व स्थान है। प्र.202 चैत्यवंदन के 2:074 सर्व स्थानों में से कितने स्थान त्याग करने और
कितने स्थान आचरण करने के योग्य है ? उ.. चैत्यवंदन के चौबीस द्वारों के 2074 सर्व स्थानों में से 3 निसीहि, 3 दिशि
निरीक्षण (दिशा त्रिक), 19 कायोत्सर्ग के दोष एवं 10 आशातनाएं कुल 35 स्थानों को त्याग करने और शेष 2039 स्थान आचरण करने योग्य है।
++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ त्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी
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