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में काउस्सग्ग करने के निमित्त (कारण) जैसे-वंदन, पूजनादि वर्णित होने
के कारण इस संपदा का नाम निमित्त संपदा रखा है। प्र.897 कौन से पदों से युक्त संपदा हेतु संपदा कहलाती हैं ? उ. 'सद्धाए, मेहाए, धिईए, धारणाए, अणुप्पेहाए, वड्ढ-माणिए ठामि
काउस्सग्गं' इन सात पदों से युक्त संपदा हेतु संपदा कहलाती है । प्र.898 हेतु संपदा में किसका कथन किया हैं ? उ... हेतु संपदा में कायोत्सर्ग के सात हेतुओं का कथन किया है। श्रद्धादि
बिना कृत कायोत्सर्ग इच्छित फल प्रदान करने में असमर्थ होता है। श्रद्धा, प्रज्ञा, चित्त की स्वस्थता, ध्येय के स्मरण-धारणा व तत्त्व चिंतन से कृत
कायोत्सर्ग से ही इष्ट फल की प्राप्ति होती है । प्र.899 कौन-कौनसे पद एक वचनान्त आगार संपदा में आते है ? उ. अन्नत्थ ऊससिएणं, नीससिएणं, खासिएणं, छीएणं, जंभाइएणं, उड्डुएणं,
वाय-निसग्गेणं, भमलीए और पित्तमुच्छाए पद एक वचनान्त आगार संपदा
में आते है। प्र.900 एक वचनान्त आगार संपदा से क्या तात्पर्य है? उ. 'अन्नत्थ ऊससिएण ....... पित्तमुच्छाए' तक के नौ आगार एक
वचनान्त पद वाले होने के कारण यह संपदा एक वचनान्त आगार संपदा कहलाती है । श्वास लेना, छोडना, खाँसी, छींक, जम्भाई आदि कुछ ऐसी संहज क्रियाएँ है; जिन पर हमारा नियंत्रण नही होता है । ये क्रियाएँ
. अकस्मात् स्वत: ही होती है। प्र.901 कौनसे पद वाली संपदा को बहुवचनान्त आगार संपदा कहते हैं ? उ. सुहुमेहिं अंग-संचालेहि, सुहुमेहिं खेल-संचालेहि, सुहुमेहिं दिट्ठि-संचालेहिं
इन तीन पद वाली संपदा को बहुवचनान्त आगार संपदा कहते है । +++++++++++++++++中中中中中中中中中中中中中中中中中中中中中中+++ चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी '.
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