Book Title: Chaityavandan Bhashya Prashnottari
Author(s): Vignanjanashreeji
Publisher: Jinkantisagarsuri Smarak Trust

View full book text
Previous | Next

Page 452
________________ उ. 97-98-99-100-101 अथवा 102 में से कोई भी संख्या वाले जीव दो समय तक मोक्ष जा सकते है, फिर अवश्य विरह पड़ता ही है । प्र.1535 तीन समय तक मोक्ष जाये तो कौन-कौनसी संख्या वाले जा सकते है? उ. 85 से 96 की संख्या में से कोई भी संख्या वाले जीव मोक्ष में जा सकते है । फिर अवश्य अंतर पड़ता है। प्र.1536 चार समय तक मोक्ष गमन करे तो कितने ? उ. 73 से लेकर 84 तक की संख्या में से कोई भी संख्या वाले जा सकते है । फिर नियमतः अंतर पड़ता है । प्र.1537 पांच समय तक मोक्ष में जाए तो कितने ? उ. 61 से 72 तक की कोई भी संख्या वाले जा सकते है। फिर अवश्य अंतर पड़ता है। प्र.1538 छः समय तक मोक्ष में जाए तो कितने ? . उ. 49 से 60 तक की संख्या में से कोई भी संख्या वाले जा सकते है। फिर अवश्य विरह पड़ता है। प्र.1539 सात समय तक मोक्ष में जाए तो कितने ? उ. 33 से 48 तक की कोई भी संख्या वाले जा सकते है। फिर अवश्य अंतर पड़ता है। प्र.1540 आठ समय तक मोक्ष में जाय तो कितने ? उ... 1 से 32 तक की संख्या में से कोई भी संख्या वाले जा सकते है । फिर अवश्य विरह पड़ता है । प्र.1541 सिद्धों के भेदों का वर्णन किस सूत्र में है ? उ. उत्तराध्ययन सूत्र के 36 वें अध्ययन में है। ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी 437 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462