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पूजा करते है। प्र.1327 पूजा का मुख्य उद्देश्य क्या है ? उ. आत्मशुद्धि एवं पूज्य श्री के गुणों को प्राप्त कर पूज्यता को
उपलब्ध होना है। प्र.1328 इन्द्रध्वज पूजा किसे कहते है ? उ. मध्यलोक के तेरह द्वीपों में जो चार सौ अट्ठावन शाश्वत चैत्यों की
इन्द्र के द्वारा पूजा करने के पश्चात् विविध चिन्हों की ध्वजा चढाई जाती
है, उसे इन्द्रध्वज पूजा कहते है। प्र.1329 निक्षेप की अपेक्षा से पूजा कितने प्रकार की होती है ? उ. छः प्रकार की होती है - 1. नाम 2. स्थापना 3. द्रव्य 4. क्षेत्र 5. काल
6. भाव । प्र.1330 नाम निक्षेप पूजा किसे कहते है ? उ. अरिहंतादि का नामोच्चारण करके विशुद्ध प्रदेशों में अक्षत आदि द्रव्य ... अर्पित करना, नाम पूजा कहलाती है । प्र.1331 स्थापना निक्षेप किसे कहते है ? उ... जिनेश्वर परमात्मा की सद्भाव स्थापना और असद्भाव स्थापना करके पूजा
करना, स्थापना पूजा है। सद्भाव पूजा - आकारवान् वस्तु में अरिहंतादिकों के रुप, गुणों का आरोपण करना अर्थात् अरिहंत परमात्मा की काष्ठ, पाषाण, धातु आदि की प्रतिमा की पूजा करना, सद्भाव स्थापना पूजा है। असद्भाव पूजा - अक्षत, वराटक, कौड़ी, कमलगट्टा, लौंग आदि में ।
संकल्प के द्वारा अमुक देवता की कल्पना करना, असद्भाव स्थापना पूजा +++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी
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