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साथ ही संबद्ध वाणी। 25. विभ्रमादि विमुक्त- भ्रान्ति, विक्षेप, क्षोभ, भय आदि दोषों से
रहित। 26. कारकादि का - व्याकरण की दृष्टि से कर्ता, कर्म, क्रियापद, अविपर्यास काल और विभक्ति, एकवचनादि, लिंग आदि
में कहीं भी स्खलना न हो ऐसी वाणी । 27. चित्रकारी - श्रोता के मन मानस में सरसता, आतुरता एवं
जिज्ञासा को जगाए रखने में समर्थं । 28. अद्भुत . - अन्य वक्ता की अपेक्षा श्रेष्ठ तथा चमत्कार
पूर्ण वाणी। 29. अनतिविलम्बी - विलम्ब रहित, न अति शीघ्र न मन्द, सामान्य
___ रूप से बोली जाने वाली । 30. विविध विचित्र - वक्तव्य वस्तु के अनेक प्रकार के स्वरूप
को वर्णित करने वाली लचीली वाणी । 31. आरोपित - दूसरे पुरूषों की अपेक्षा वचनों में विशेषता विशेषतामुक्त होने के कारण श्रोताओं को विशिष्ट बुद्धि
प्राप्त होना। . 32. सत्वप्रधान - सात्त्विक और पराक्रम पूर्ण वाणी । 33. विविक्त - वाणी में प्रत्येक अक्षर, पद और वाक्य स्पष्ट
अलग-अलग हो । 34. अविच्छिन - वक्तव्य विषयों की युक्ति - हेतु - तर्क - +++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ त्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी
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