Book Title: Chaityavandan Bhashya Prashnottari
Author(s): Vignanjanashreeji
Publisher: Jinkantisagarsuri Smarak Trust

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Page 433
________________ उ. 7. सत्य मृषावाद विरति । 8. शौच निरतिचार संयम | 9. आकिंचन्य शरीर, धर्मोपकरण प्रति ममत्व का अभाव । 10. ब्रह्मचर्य - नवविध ब्रह्मचर्य की गुप्ति से युक्त ब्रह्मचर्य का पालन उ. 418 प्रवचन सारोद्धार उपरोक्त दस धर्म में से दो धर्म - सत्य व शौच को लेकर मतान्तर है। अन्य लाघव - - - प्र. 1468 तप धर्म में किनका समावेश होता है ? तप धर्म में तप के 12 प्रकार जिसमें छः बाह्यं तप- अनशन, उनोदरी, वृतिसंक्षेप, रस त्याग, काया क्लेश और अंग संलीनता तप और छः आभ्यन्तर तप प्रायश्चित, विनय, वैयावच्च, स्वाध्याय, ध्यान व कायोत्सर्ग का समावेश होता है । प्र. 1469 भावना से क्या तात्पर्य है और भावना धर्म में कौन सी भावना का समावेश होता है ? चित्त को स्थिर करने के लिए किसी तत्त्व पर पुनः पुनः चिंतन करना, परिशिष्ट Jain Education International खंती मुत्ती अज्जव मद्दव तह लाघवे तवे चेव । संजम चियाग किंचन बोद्धत्वे बंभचेरे य ॥ द्रव्यतः अल्प उपधि रखना, भावतः गौरवादि का त्याग करना । त्याग - सर्व परिग्रह का त्याग, साधु आदि को वस्त्रादि का दान देना । For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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