Book Title: Chaityavandan Bhashya Prashnottari
Author(s): Vignanjanashreeji
Publisher: Jinkantisagarsuri Smarak Trust

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Page 448
________________ प्र.1522 नपुंसकलिंग सिद्ध किसे कहते है ? उ. जो नपुंसक शरीर से मोक्ष में जाये, वे नपुंसकलिंग सिद्ध कहलाते है। जैसे - गांगेय मुनि आदि । प्र.1523 प्रत्येक बुद्ध सिद्ध किसे कहते है ? उ. जो बिना किसी उपदेश के किसी भी पदार्थ की अनित्यता से प्रेरित होकर कर्ममुक्त बने, वे प्रत्येक बुद्ध सिद्ध कहलाते है । जैसे - करकंडु मुनि आदि । प्र.1524 स्वयंबुद्ध सिद्ध किसे कहते है ? उ. दूसरों के उपदेश के बिना, जो स्वयं वैराग्यवासित होकर सिद्ध हुए हैं, वे स्वयंबुद्ध सिद्ध कहलाते है । जैसे - कपिल । प्र.1525 बुद्धबोधित सिद्ध किसे कहते है ? उ. बुद्ध यानि गुरू, गुरू द्वारा बोध को प्राप्त कर मोक्ष में जाने वाले जीव बुद्धबोधित सिद्ध कहलाते है। जैसे-गौतम स्वामी, सुधर्मा स्वामी आदि । प्र.1526 एक सिद्ध किसे कहते है ? : उ. एक समय में एक ही मोक्ष में जाए, वे एक सिद्ध कहलाते है। जैसे - परमात्मा महावीर स्वामी । प्र:1527 अनेक सिद्ध किसे कहते है ? उ. एक समय में अनेक जीव मोक्ष में जाए, वे अनेक सिद्ध कहलाते है। जैसे - ऋषभदेव परमात्मा, उनके 99 पुत्र एवं भरत चक्रवर्ती के 8 पुत्र, कुल 108 एक ही साथ मोक्ष गये । प्र.1528 उपरोक्त पन्द्रह प्रकार के सिद्धों का समावेश तीर्थ सिद्ध और अतीर्थ सिद्ध इन दो भेदों में हो सकता है, फिर पन्द्रह प्रकार क्यों कहे गये? ++ +++++++++++++ +++ + + चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी ++++ 433 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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