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प्र.1362 प्रथम गढ़ की प्रत्येक दिशा में निर्मित द्वार के द्वारपालों के नाम
बताइये? पूर्व दिशा के द्वारपाल का नाम - तुंबरू देव । दक्षिण दिशा के द्वारपाल का नाम - खट्वांगी देव । . पश्चिम दिशा के द्वारपाल का नाम - कपाली देव (कपिल देव) । उत्तर दिशा के द्वारपाल का नाम - जटामुकुटधारी देव . .
____ (जटामुकुट देव)। प्र.1363 परमात्मा के प्रातिहार का क्या नाम है ? उ. तुंबरू देव । प्र.1364 तुंबरू देव ही परमात्मा का प्रातिहार क्यों कहलाता है, अन्य क्यों
नहीं? उ. तीर्थंकर परमात्मा पूर्व द्वार से ही गढ़ पर चढ़ते है और पूर्व द्वार का ... द्वारपाल तुंबरू देव है, इसलिए वह परमात्मा का प्रातिहार कहलाता है। प्र.1365 द्वितीय गढ़ की चारों दिशा के द्वारों की रक्षिका के नाम बताइये।
पूर्व दिशा की रक्षिका - जया देवी, दक्षिण दिशा की - विजया देवी, पश्चिम दिशा की - अजिता देवी, उत्तर दिशा की रक्षिका - अपराजिता
देवी । प्र.1366 तीसरे गढ़ के चारों दिशाओं के द्वारपाल कौन होते है ? उ. पूर्व दिशा के सोम नामक वैमानिक देव, दक्षिण दिशा के यम नामक
व्यंतर देव, पश्चिम दिशा के वरूण नामक ज्योतिष देव, उत्तर दिशा
के धनद नामक भवनपति देव द्वारपाल होते है । प्र:1367 समवसरण की कौन सी दिशा में कौन सा ध्वज होता है ? उ. पूर्व दिशा में - धर्म ध्वज, दक्षिण दिशा में - मानध्वज, पश्चिम दिशा ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++
परिशिष्ट
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