________________
तेरहवाँ वंदनीय द्वार प्र.973 वंदनीय कौन है? उ. जिन, मुनि, श्रुत व सिद्ध ये चार वंदनीय है । प्र.974 निक्षेप की अपेक्षा से कौन से जिन वंदनीय है? उ. नाम, स्थापना, द्रव्य और भाव जिन वंदनीय है। प्र.975 निक्षेप की अपेक्षा से शक्रस्तव में कौनसे जिन को वंदना की गई
उ. 'भाव जिन व द्रव्य जिन' को वंदना की गई है। प्र.976 नामस्तव में किसको वंदना की गई है ? उ. 'नाम जिन' को वंदना की गई है। प्र.977 चैत्यस्तव में किसको वंदन किया है ? उ. 'स्थापना जिन' को वंदन किया है । प्र.978 श्रुतज्ञान को वंदन किस दण्डक सूत्र में किया है ? उ. 'श्रुतस्तव (पुक्खरवरदी)' नामक दण्डक सूत्र में किया है । प्र.979 मुनि भगवंतों को वंदना किस सूत्र में की गई है ? उ. 'जावंत केवि साहू' सूत्र में ढाई द्वीप में विचरण करने वाले समस्त मुनि
भगवंतों को वंदना की गई है। प्र.980 सिद्धस्तव में किसको वंदना की गई है ? उ. 'समस्त सिद्ध भगवंतों (सर्व सिद्ध)' को वंदना की गई है। प्र.981 भाव जिन को वंदना किन-किन अधिकारों में की गई है ? उ. पहले, छठे, नौवें, दसवें व ग्यारहवें अधिकार में की गई है।
256
तेरहवाँ वंदनीय द्वार
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org