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उ.
एक रात्रि की प्रतिमा को धारण करने वाले साधु भगवंत महासत्त्ववंत ... होने के कारण निमेष बिना ध्यान करने में समर्थ होते है।
आवश्यक नियुक्ति गाथा 1515.
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उन्नीसवां आगार द्वार
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