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7.निट्टवण (थूकना) - पीत, श्लेष्म, कफ आदि थूकना । 8. मुत्त - लघु नीति (पेशाब) करना । 9. उच्चार - बडी नीति (शौच) करना । .
10. चूत - जूआ खेलना। प्र.1305 जिनमंदिर की मध्यम आशातनाएं कितनी होती है, नाम बताइये ? उ. . जिनमंदिर की 40 मध्यम आशातनाएं होती है। जो निम्न है - जिनमंदिर
में 1. लघु नीति 2. बडी नीति 3. सुरापान आदि पीना 4. पानी पीना 5. भोजन 6. शयन 7. स्त्री सेवन 8. पान खाना 9. थक, श्लेष्म फैंकना 10. जुआ खेलना 11. शरीर, कपडे आदि में से जूं, लीख आदि डालना 12. विकथा करना (राज कथादि) 13. पलाठी लगाकर बैठना 14. पाँव पसार (फैलाकर) बैठना 15. परस्पर वाद-विवाद, झगडा करना 16. हास-परिहास करना 17. मत्सर करना 18. सिंहासन, पाट-बाजोट आदि उच्च आसन पर बैठना 19. केश, शरीरादि की शोभा विभूषा करना 20. छत्र धारण करना 21. तलवार धारण करना 22. मुकुट धारण करना 23. चामर धारण करना 24. कर्जदार को मंदिर में बंद करना 25. स्त्रियों के साथ विकार पूर्वक हँसना 26. भांड की तरह तालियाँ बजाना 27. मुख कोष का उपयोग न करना 28. गंदे शरीर-वस्त्र आदि से पूजा करना 29. मन को एकाग्र न रखना 30 कलंगी, हार, पुष्प आदि सचित्त धारण करना (सचित्त का अत्याग) 31. अचित्त हार, अंगुठी आदि आभूषणों का त्याग करना 32. एक वस्त्र उत्तरासन धारण न करना 33. जिनेश्वर परमात्मा को देखते ही नमस्कार न करना 34. शक्ति होने
पर भी पूजादि न करना 35. निम्न कोटि की पूजन सामग्री को उपयोग ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ 360
चौबीसवाँ आशातना द्वार
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