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तब तक मेरे कायोत्सर्ग है। प्र.906 कायोत्सर्गावधि संपदा में कितने व कौनसे पद हैं ? उ. इस संपदा में चार पद-जाव अरिहंताणं, भगवंताणं, नमुक्कारेणं और न
पारेमि है। प्र.907 कौनसी संपदा को स्वरुप संपदा कहते है ? उ. 'ताव, कायं, ठाणेणं, मोणेणं, झाणेणं व अप्पाणं वोसिरामि' इन छ: पदों
वाली अंतिम संपदा को स्वरुप संपदा कहते है । प्र.908 चैत्यस्तव की संपदा के सहेतुक विशिष्ट नाम, संपदा का प्रथम पद,
अंतिम पद और संपदा के सर्व पद बताइये ?
संपदा | संपदा का क्रमांक . नाम
अभ्युपगम निमित्त
एक वचनान्त आगार बहु वचनान्त आगार
संपदा का . संपदा का | संपदा में
प्रथम पद । अंतिम पद | सर्व पद अरि. (अरिहंत चेइयाण) | करेमि काउस्ससगं | वंदण. (वंदणवत्तियाए) | निरुवसग्ग वत्तियाए| 6 सद्धा. (सद्धाए) | ठामि काउस्सग्गं अन्न. (अन्नत्थ) ___ पित्तमुच्छाए
सुहुम. दिट्ठि संचालेहिं (सुहुमेहिं अंगसंचालेहिं)
एव. (एवमाइएहिँ) | हुज्ज में काउस्सग्गो जाव. (जाव अरिहंताणं) ताव. (ताव कायं) वोसिरामि
| 6. आगंतुक आगार 7. . कायोत्सर्गावधि
न पारेमि
स्वरुप
++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ .. चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी ..
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