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प्र.945 पांच महाविदेह क्षेत्र कहाँ पर अवस्थित है ?
जंबद्वीप में एक महाविदेह क्षेत्र, घातकी खंड में दो महाविदेह क्षेत्र और
अर्द्ध पुष्करावर्त द्वीप में दो महाविदेह क्षेत्र अवस्थित है। प्र.946 महाविदेह क्षेत्र में कितने तीर्थंकर परमात्मा के जीव होते है? उ. महाविदेह क्षेत्र में तीर्थंकर शाश्वत होते है । उनका विरहकाल नही होता
है। उनकी सर्वायु चौरासी लाख पूर्व की होती है। जिनमें तियासी लाख पूर्व गृहस्थावस्था में व्यतीत होते है और एक लाख पूर्व संयमावस्था में व्यतीत होते है। ___ बीस तीर्थंकरों का एक साथ निर्वाण होने के साथ ही बीस तीर्थंकरों को एक साथ केवलज्ञान होता है, बीस तीर्थंकर दीक्षित होते है, बीस तीर्थंकर का जन्म होता है। इस प्रकार महाविदेह क्षेत्रमें कुल 1660 तीर्थंकर
के जीव होते है। प्र.947 महाविदेह क्षेत्र में 160 तीर्थंकर कैसे होते है? उ. महाविदेह क्षेत्र पांच है और प्रत्येक महाविदेह में बतीस-बतीस विजय है।
प्रत्येक विजय में एक-एक अरिहंत परमात्मा होने से कुल 160 (5 x 32)
अरिहंत परमात्मा होते है। . प्र.948 अधिकतम 170 तीर्थंकर परमात्मा किस प्रकार से होते है? उ. महाविदेह क्षेत्र के कुल 160 तीर्थंकर परमात्मा तथा भरत - ऐरावत क्षेत्र
के 10 तीर्थंकर परमात्मा मिलाने से उत्कृष्टतः कुल 170 तीर्थंकर परमात्मा
होते है। प्र.949 प्रवर्तमान चौबीसी में कौनसे तीर्थंकर परमात्मा के समय 170
• तीर्थंकर थे ? उ. परमात्मा अजितनाथ के समय ।
बारहवाँ अधिकार द्वार
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