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उ. पंच परमेष्ठि पद का पद विन्यास दो प्रकार से किया है - 1. छ: पद
2. दस पद । 1. छः पद -1.नमो 2. अरिहंत 3. सिद्ध 4.आयरिय 5.उवज्झाय 6.साहूणं
(नमो अरिहंत सिद्ध आयरिय उवज्झाय साहूणं). 2. दस पद - 1. नमो 2.अरिहंताणं 3.नमो 4सिद्धाणं 5. नमो
___6.आयरियाणं 7.नमो 8.उवज्झायाणं 9. नमो 10. साहूणं । प्र.809 अन्यत्र पंच परमेष्ठि पदों के पद विन्यास में 11 पद कैसे बताये है ? उ. 1.नमो 2.अरिहंताणं 3.नमो 4.सिद्धाणं 5.नमो 6.आयरियाणं 7.नमो
8.उवज्झायाणं 9. नमो 10. लोए 11.सव्व साहूणं ।
इस प्रकार से पद विन्यास करते हुए 11 पद बताये है। प्र.810 व्याकरण शास्त्र के अनुसार नमस्कार मंत्र में कुल कितने पद
होते है? उ... बीस पद-1.नमो 2.अरिहन्ताणं 3.नमो 4.सिद्धाणं 5.नमो 6.आयरियाणं
7.नमो 8.उवज्झायाणं 9. नमो 10. लोए 11.सव्वसाहूणं 12.एसो 13.पंच नमुक्कारो 14.सव्व पावप्पणासणो 15. मंगलाणं 16.च 17. सव्वेसि 18. पढमं 19.हवई 20.मंगलम् । 'सव्वसाहूणं' नामक पद, दो पदों द्वारा बना समास है, अत: यह एक ही पद है। इसी प्रकार 'सव्वपावप्पणासणो' नामक पद तीन शब्दों द्वारा बना हुआ समास है, अतः इसको भी एक पद ही माना गया है। इसी प्रकार समास के कारण ‘पंचनमुक्कारों' पद को दो अलग पद मानने की
बजाय इनको एक संयुक्त पद ही माना है । .811 शास्त्रकारों के मतानुसार नवकार मंत्र के कौन से आठ पदों का
ध्यान करने से आठ सिद्धियों की प्राप्ति होती है ? Hi++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी
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