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प्र.481 शरीर रहित सिद्धों की प्रतिमा कैसे सम्भव है ?
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उ. पूर्वभाव प्रज्ञापन नय की अपेक्षा से सिद्धों की प्रतिमाएँ स्थापित कर सकते है, क्योंकि सिद्धावस्था से पूर्व सयोगी केवली अवस्था में सशरीर थे मोक्षगमन से पूर्व जो शरीरवस्था ( आकृति, संस्थान) सिद्ध परमात्मा के होती है वही अवस्था चिदात्मा सिद्ध परमात्मा के मोक्ष (सिद्धावस्था) में रहती है। शरीर के समान सिद्ध भी संस्थानवान् होते है ।
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पंचम अवस्था त्रिक
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