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प्रत्येक अक्षर पर एक हजार आठ विद्याएं विद्यमान है। प्र.712 ‘नमस्कार पंच विशांत' के अनुसार कितने नवकार का जाप करने
से तीथकर नाम कर्म का बन्ध होता है ? . जो गुणइ लक्खमेगं, पुइए विहीइ जिण नमुक्कारं । तित्थयर नाम गोअं, सो बंधइ नित्थ संदेहो ॥ अर्थात् नमो अरिहंताणं पद की विधि पूर्वक पूजा करता है और एक लाख बार जाप करता है, वह निसंदेह तीथंकर नाम कर्म का उपार्जन (बन्धन)
करता है। प्र.713 कमल बंध से 108 नवकार का जाप करने वाला प्राणी भोजन
करते हुए भी कितने उपवास का फल प्राप्त करता है ? उ. एक उपवास का फल प्राप्त करता है ।
महानिशीथ प्र.714 महानिशीथ के अनुसार भाव पूर्वक नवकार मंत्र का चिंतन करने
से कौन कौनसे भय का नाश होता है ? उ. चोर, जंगली प्राणी, सर्प, अग्नि, बंधन, राक्षस, संग्राम और राजादि के
भय का नाश होता है। प्र.715 नमस्कार पंच विशांत के अनुसार जन्म, मृत्यु आदि वेला में नमस्कार
महामंत्र का जाप करने से क्या फल प्राप्त होता है ? .. जाए वि जो पढिज्जइ, जेणं जायस्स होइ फल रिद्धि । अवसाणे विपढिज्जइ जेण मओ सोग्गई जाइ ॥ अर्थात् जन्म के समय और उसके बाद जो नवकार मंत्र गिनता है उसे ऋद्धि रुपी फल मिलता है, अंत समय (मृत्यु वेला) में गिनने पर सद्गति
प्राप्त करता है। ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++.
. आठवा वर्ण द्वार
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आत
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