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आठवाँ वर्ण द्वार प्र.675 लघु अक्षर से क्या तात्पर्य है ? उ. अल्प प्रयत्न अर्थात् सुगमता पूर्वक उच्चारित किये जाने वाले अक्षर, जिनकी
मात्रा एक हो; उन्हें लघु अक्षर कहते है । प्र.676 गुरू अक्षर किसे कहते है ? उ. थोडे परिश्रम पूर्वक जो अक्षर बोले जाते है, जिनकी मात्रा दो है, उन्हें गुरू
अक्षर कहते है । संयुक्त अक्षर को गुरू अक्षर कहा जाता है - 1. मागधी भाषा में संयुक्त अक्षर, स्वजाति व स्ववर्ग के द्वित्व रुप को
ही गुरू अक्षर कहते है, अन्य वर्ण के साथ संयुक्त अक्षर को गुरू
अक्षर नही कहते है । (भाष्य की अवचूर्णि) 2. सानुस्वारश्च दीर्घश्च विसर्गा च गुरूर्भवेत् । , .
संयुक्ताक्षर पूर्वश्च गुरूरिव्यभिधीयते ॥ अर्थात् दीर्घ स्वर, अनुस्वार युक्त और विसर्ग युक्त संयोग के पूर्व का
लघु अक्षर, गुरू अक्षर है। प्र.67 सर्वाक्षर से क्या तात्पर्य है ? उ. लघु और गुरू अक्षरों की कुल संख्या प्रमाण को सर्वाक्षर कहते है । प्र.678 गौण नाम से क्या तात्पर्य है ? उ. गुण निष्पन्न नाम को अर्थात् सूत्र के गुण तथा विषय के आधार पर जो
नाम दिया जाता है, उसे गौण नाम कहा जाता है । प्र.679 आदान नाम किसे कहते है ? । उ. सूत्र के आदि (प्रथम) अक्षर से प्रचलित नाम को आदान नाम कहते है।
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आठवाँ वर्ण द्वार
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