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प्र.501 कौन-कौनसे सूत्रों के उच्चारण के समय योग मुद्रा की जाती है ? उ. इरियावहिया, तस्स उत्तरी, लोगस्स, चैत्यवंदन, जंकिंचि, नमुत्थुणं, स्तुति, .
स्तवन, अरिहंत चेइयाणं में योग मुद्रा की जाती है। प्र.502 मुक्ता शुक्ति मुद्रा किसे कहते है ? उ. दोनों हाथों की अंगुलियों और अंगुठों को एक-दूसरे से सटाकर मोती के
सीप की तरह दोनों हाथों को उभारकर जोड़ते हुए भाल पर लगाना, मुक्ता
शुक्ति मुद्रा है। प्र.503 मुक्ता शुक्ति मुद्रा के सम्बन्ध में क्या मतान्तर है ? उ. कुछ आचार्यों के मतानुसार इस मुद्रा में हाथों को ललाट (भाल) पर लगाकर
'जय वीयराय' सूत्र बोलना चाहिए और कुछेक के अनुसार हाथों को ललाट
पर नही लगाना चाहिए। प्र.504 मुक्ता शुक्ति मुद्रा का उपयोग कहाँ किया जाता है.? उ. इस मुद्रा का उपयोग जावंति चेइयाई, जावंत केवि साहु एवं जय वीयराय
सूत्रों के उच्चारण करते समय किया जाता है ।
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नवम मुद्रा त्रिक
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