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होता है । आप श्री के मस्तक पूजा से मेरा भी सहस्रार चक्र गतिमान' बनें और जगत के समस्त प्राणियों के प्रति मेरे हृदय में करुणा भाव जाग्रत.
हो, ऐसा मन में चिंतन करना चाहिए । प्र.319 भाल (ललाट) पर सात चक्रों में से कौनसा चक्र होता है ? उ. आज्ञा चक्र । प्र.320 ललाट पर तिलक करते समय परमात्मा से क्या याचना करनी
चाहिए? उ. हे करुणानिधान ! आप श्री के समान मैं भी स्व का नियता बनूं, स्व
का मालिक बनूं, अनंत सुखों का भोक्ता बनूं, मुझ पर आप श्री के समान किसी अन्य का शासन न चले, ऐसी स्वतन्त्र सत्ता का वरण करूं, ऐसा
सामर्थ्य मुझे प्रदान करें। प्र.321 ललाट की पूजा क्यों की जाती हैं ? .. उ. परमात्मा तीनों लोकों में पूजनीय होने से तिलक समान हैं, हम भी ऐसी
अवस्था को प्राप्त करें, इन्हीं भावों से ललाट की पूजा की जाती हैं। प्र.322 कंठ स्थान पर कौनसा चक्र पाया जाता है ? उ. विशुद्धि नामक चक्र । प्र.323 विशुद्धि चक्र का ध्यान करने से किसका नाश होता हैं ? उ. . वासना का नाश और उपासना की भावना का मन में जागरण होता हैं। प्र.324 परमात्मा के कंठ की पूजा क्यों की जाती हैं ? उ. परमात्मा ने कंठ से देशना देकर भव्य जीवों का उद्धार किया था।
परमात्मा की इस उद्धार भावना की स्मृति में पूजा की जाती हैं । प्र.325 कंठ की पूजा करते समय मन में क्या भावना भानी चाहिए ? +++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ 80
चतुर्थ पूजा त्रिक
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