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(पापी )
જામનગર દતિહાસ मेळव्यु पद जाम, रंग जाम रणजीत ॥ ३ ॥ एक टेक राखी अडग, निष्कामी वृत नीत ॥ काम जीतकलियुग में, रंग जाम रणजीत ॥ ४॥ लीगऑफनेशन लही, जीनीवामें जीत ॥ अद्भुत लेकचर आपीयु, रंग जाम रणजित ॥ ५॥ नीज रैयतनी नेहथी, सुणवा अरज सचित ॥ तुरत पधारे तालुके, रंग . जाम रणजीत ॥६॥ खेडुतने अति खंतथी, उत्तेजन अगणित ॥ . खेतीने खीलवी खरी, रंग जाम रणजीत ॥ ७ ॥ केलवणी फ्री छे करी, इसपीताल अगणीत ॥ ठाम ठाम आराम छे, रंग जाम रणजीत ॥ ८॥ चोरी जारी परहरी, राम राज्यनी रीत ॥ .. रैयत मन रंजन को, रंग जाम रणजीत ॥९॥ वळि वेपार वधारिओ, खोली बंदर खचीत ॥ सोंघी वस्तु सर्व थइ, रंग जाम रणजीत ॥१०॥ शहेर बधामां शोभती, लाइट इलेकट्रीक ललित ।। पछमधरा पारिसनगर, रंग नाम रणजीत ॥ ११ ॥ रेल रची द्वारामति, एज पुन्य अगणित ॥ जात्रु जन लाखो जता, रंग जाम रणजीत ॥ १२ ॥ हुन्नरने उद्योग, खेती वाडी खजित ॥ प्रजा प्रदर्शन पेखती, रंग जाम रणजीत ॥ १३ ॥ नरेंद्रमंडळनी नकी, अद्भुत पदवि उचीत ॥ ..
चेन्सेलर पद प्राप्ति, रंग जाम रणजीत ॥ १४ ॥ तख्तनशिनदिनआजनो, उज्वल दिवस उदीत ॥ पुर्न वर्ष पचीशमुं, रंग जाम रणजीत ॥ १५ ॥ सिल्वर ज्युबिली सरस, उत्सव को अजीत ॥ . प्रजा पुर्ण उत्साहमा, रंग जाम रणजीत ॥ १६ ॥ शहर जमण जमतां जनो, कथे अलोकिक क्रीत ॥. मावदान मुखथी कहे, रंग · जाम रणजीत ॥ १७ ॥