Book Title: Swatantrata ke Sutra Mokshshastra Tattvartha Sutra
Author(s): Kanaknandi Acharya
Publisher: Dharmdarshan Vigyan Shodh Prakashan
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इन्द्रियों के विषय
स्पर्शरसगन्धवर्णशब्दास्तदर्थाः। (20) The functions (of the 5 senses are to determine the various kinds of) touch, taste, smell, colour, and sound (respectively. P93f Touch is of 8 kinds: उष्ण hot, शीत Cold, रूक्ष rough; स्निग्ध smooth; कोमल Soft; कठोर hard; लघु Light and गुरु heavy, रस Taste is of 5 kinds. तिक्त pungent; अम्ल acid, कटू bitter मधुर sweet and कषायला astringent. गन्ध smell is of 2 kinds: Israel sweet smelling; fragrant gefær þad-smelling; malodorous, वर्ण colour is of 5 kinds कृष्ण black, नील blue, पीत yellow शुक्ल white, पदम् Pink, शब्द Sound, स्वर is of 7 kinds; षड्ज Sadja ऋषभ risabha, गन्धार Gandharaमध्यम Madhyama पञ्चमं Panchama; धैवत dhavata and निषाध nisadha, i.e. the do. re,me,fa, solla, si. स्पर्शन, रस, गन्ध, वर्ण, और शब्द ये क्रम से उन इन्द्रियों के विषय
1. स्पर्शन इन्द्रिय-संसारी जीव जिस इन्द्रिय के माध्यम से स्थूल भौतिक वस्तु के स्पर्श गुण को छूकर जानता है उसको 'स्पर्शन इन्द्रिय' कहते हैं। जैसे शीत, उष्ण, कोमल-कठोर, हल्का-भारी, ठंडा-गर्म का ज्ञान स्पर्श इन्द्रिय से होता है। 2. रसना इन्द्रिय:- जिसके माध्यम से पुद्गल के खट्टा-मीठा, कडुवा कषायलादि रस गुण का ज्ञान होता है उसे 'रसना इन्द्रिय' कहते हैं। 3. घ्राण इन्द्रिय:- जिसके माध्यम से पुद्गल के सुगन्ध और दुर्गन्ध रूपी गन्ध गुण का ज्ञान होता है उसे घ्राण इन्द्रिय कहते हैं। 4. चक्षु इन्द्रिय:- जिसके माध्यम से पुद्गल के नीला, पीला, हरा, लाल, सफेदादि वर्ण गुण का ज्ञान होता है उसे चक्षुइन्द्रिय कहते हैं। 5. कर्ण इन्द्रिय- जिसके माध्यम से सा रे गम शब्द का ज्ञान होता है उसे कर्ण इन्द्रिय कहते हैं। गोम्मट्टसार में इन्द्रियों के विषय क्षेत्र, आकार, अवगाहनादि
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