Book Title: Swatantrata ke Sutra Mokshshastra Tattvartha Sutra
Author(s): Kanaknandi Acharya
Publisher: Dharmdarshan Vigyan Shodh Prakashan
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कमलों में रहने वाली छ: देवियाँ तन्निवासिन्यो देव्यः श्रीहीधृतिकीर्तिबुद्धिलक्ष्म्य: पल्योपमस्थितयः
ससामानिकपरिषत्काः । (19) The goddesses residing in those 5 islands are respectively श्री, ही, धृति, कीर्ति, बुद्धि and लक्ष्मी each one of the goddesses has a life span of one 3761404, These goddesses live with celestial beings of an equal status with them, called Amifo and with celestial beings who are members of their courts called परिषद्। इनमें श्री, ही, धृति, कीर्ति, बुद्धि और लक्ष्मी ये देवियाँ सामानिक और परिषद देवियों के साथ निवास करती हैं। तथा इनकी आयु एक पल्य की हैं।
इन कमलों की कर्णिका के मध्य में शरत्कालीन निर्मल पूर्ण चन्द्रमा की कान्ति को हरने वाले एक कोस लम्बे, आधा कोस चौड़े और पौन कोस ऊँचे महल हैं। उनमें निवास करने वाली श्री, ही, धृति, कीर्ति, बुद्धि और लक्ष्मी नाम वाली देवियाँ क्रम से पद्म आदि छह कमलों में जानना चाहिये। उनकी स्थिति एक पल्य की है। इस पद के द्वारा उनकी आयु का प्रमाण कहा है। समान स्थान में जो होते हैं वे सामानिक कहलाते हैं। सामानिक
और परिषद ये देव हैं। वे देवियाँ इनके साथ रहती हैं। तात्पर्य यह है कि मुख्य कमल के जो परिवार कमल है उनके महलों में सामानिक और परिषद् जाति के देव रहते हैं।
चौदह महानदियों के नाम . गंगासिन्धुरोहिद्रोतास्याहरिद्धरिकान्तासीतासीतोदानारी. नरकान्तासुवर्णरूप्यकूलारक्तारक्तोदा: सरितस्तन्मध्यगाः ।(20) The river गंगा the Ganga, सिन्धु the Sindhu, रोहित the Rohit, रोहितास्या theRohitasya, हरितकांता theHarikanta,सीता, the Sita,सीतादोtheSitoda, नारी the Nari, नरकांता the Narakanta, सुवर्णकूला the Suvaranakula, रूप्यकूला the Rupyakula, रक्ता the Rakta, रक्तोदा the Raktoda, the
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