Book Title: Swatantrata ke Sutra Mokshshastra Tattvartha Sutra
Author(s): Kanaknandi Acharya
Publisher: Dharmdarshan Vigyan Shodh Prakashan
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वह द्वितीय शुक्लध्यान वितर्क तो है परन्तु वीचार से रहित है, ऐसा जानना चाहिए, परन्तु प्रथम शुक्लध्यान वितर्क और विचार सहित है।
वितर्क means scriptural knowledge.
वितर्क का अर्थ श्रुत हैं।
विशेष रूप से तर्कणा - ऊहन (विचार) को विर्तक कहते हैं । वितर्क का दूसरा
वितर्क का लक्षण वितर्कः श्रुतम् । (43)
विचार means संक्रान्ति ie change in अर्थ the object of concentration itself ; in व्यञ्जन the verbal expression or in योग the vibratory activity with which the concentration is going on i.e. mind, speech or body. अर्थ व्यञ्जन और योग की संक्रान्ति वीचार है।
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वीचार का लक्षण वीचारोऽर्थव्यञ्जनयोगसंक्रान्तिः । ( 44 )
ध्यान करने योग्य द्रव्य और पर्याय को अर्थ कहते हैं । वचन या शब्द को - व्यञ्जन कहते हैं और मन, वचन एवं काय के व्यापार को योग कहते हैं । संक्रान्ति का अर्थ है- परिवर्तन । अर्थ संक्रान्ति द्रव्य को छोड़कर पर्याय का ध्यान करना और पर्याय को छोड़कर द्रव्य का ध्यान करना, इस प्रकार बार-बार ध्येय अर्थ में परिवर्तन होना अर्थ संक्रान्ति है । व्यञ्जन संक्रान्ति- - श्रुतज्ञान के किसी शब्द को छोड़कर अन्य शब्द का अवलम्बन लेना और उसको छोड़कर पुनः अन्य शब्द को ग्रहण करना व्यञ्जन संक्रान्ति हैं। योगसंक्रान्ति काययोग को छोड़कर मनोयोग या वचनयोग का अवलम्बन लेना तथा उन्हें छोड़कर योग का अवलम्बन लेना योगसंक्रान्ति हैं। इस प्रकार अर्थ, व्यञ्जन और योग के परिवर्तन को वीचार कहते हैं ।
ध्यान की प्रणाली
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पर्वत, गुफा, वृक्ष की खोह ( कोटर ) नदीतट, श्मशान,
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