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ध्यान की बात करना आर ध्यान से बात करना इस दानों में बहत अनार है. ध्यान के केन्द्र खोलने मात्र से ध्यान में केन्द्रित होना सम्भव नहीं है। लो, ध्यान के सन्दर्भ में आधुनिक चित्रण ! कार पंक्तियां प्रस्तुत हैं :
इस युग के दो मानव अपने आपको खाना चाहते हैं.. पक भाग गग को माय-पान को
ओर एक योग-त्याग को आत्म ध्यान को धुनता है। कुछ ही क्षणों में दोनों होते विकल्पों से मुक्त। फिर क्या कहना ! पाक शव के समान निरा पड़ा है,
और IE शिव के सपान तुग उतग है।
:: :. गृह, माटी