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मठे को यदि छौंक दिया जाता है मठा स्वादिष्ट ही नहीं अपितु पाचक भी बनता है, और दूध में मिश्री का मिश्रण हो तो दूध स्वादिष्ट भी बनता, बलवर्धक भी। इससे विपरीत, विधि-प्रयोग से यानी मठे में मिश्री का मिश्रण . . ..... ... कथंचित् गुणकारी तो है परन्तु दूध को छौंक देना तो बुद्धि की विकृति सिद्ध करता है।" यूँ, धीरे-धीरे कलश का उबाल-उफान शान्त हुआ।
शान्ति के साथ, सेठ ने कलश के उबलन को दोनों कानों से सुना, फिर बदले में कलश की कुशलता की कामना करता
शान्ति के कुछ बिन्दु प्रदान करता है। "जहाँ तक माटी-रज की बात है, मात्र रज को कोई सर पर नहीं चढ़ाता मूढ़-मूर्ख को छोड़ कर। रज में पूज्यता आती है चरण-सम्पर्क से। और
358 :: मूक माटी