Book Title: Mook Mati
Author(s): Vidyasagar Acharya
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 510
________________ मुझे चक्कर आता है और नीचे से ऊपर का अनुमान लगभग गलत निकलता है। इसीलिए इन शब्दों पर विश्वास लाओ, हाँ, हाँ !! विश्वास को अनुभूति मिलेगी अवश्य मिलेगी मगर मार्ग में नहीं, मंजिल पर !" ..... और .. . महा-मौन में डूबते हुए सन्त और माहौल को अनिमेष निहारती-सी "मूक माटी।

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