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पायल का साहस इसके आगे नहीं होता देख यह लेखनी कुष्ठ और कहने की उद्यम-शीला होती है, कि "हे स्वर्ण-कलश ! गणियों का गुणगान करना तो दूर निटीपों को सदोष क्ता कर अपने दोषों को छुपाना चाहते हो तुम ! सन्त पर आक्रोश व्यका करना समता का उपहास करना मेट का अपमान करना। आदि-आदि ये अक्षम्य अपराध हैं तुम्हारे, तथापि उन्हें गौण कर मात्र तुम्हार सम्मुखमाटी की महिमा ही नहीं रखना दो उदाहरण प्रस्तुत कर तुम्हारा 'भो कितना मूल्य-गहत्त्व है, बताना चाहती हूँ"ली,
दीपक और मशान सामान्य रूप से दोनों प्रकाश के साधन .. पर. सोना के. गुण-धर्म मिन्न भिन्न । हद दो हाथ की यांनी उसका एक एंडर पर एम -पर-एक का कस-कस कर ािन्दयाँ बाँधी · मानी ,
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पारा