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सामान्य जीवों के सामान्य आलाप
नं.
स्थान
पर्याप्त-कालमें
।
अपर्याप्त-कालमें
। सिद्ध जीब
१ गुणस्थान १४ १४ गुण स्थान
| १४ गुण स्थान
| अगुणस्थान २ जीवसमास १४ । १४ जीबसमास
| १४ जीवसमास
अजीवसमास ३ पयाप्ति
६ पर्याप्तियां संजीपर्याप्त । ६ अपर्याप्तियां इन्हीं संजी. | अतीत पर्याप्ति आहार ____ के होती है।
जीवों के होती है। शरीर
५ मनःपर्याप्लिके बिना उक्त | ५ उन्हीं जीवों के अपूर्णता इन्द्रिय
पाची ही पर्याप्तियां । को प्राप्त वं ही पांच आनापान
अमंजीपंचेन्द्रिय पर्याप्तों अपर्याप्तियां होती है। भाषा
सेलेकर द्वीन्द्रिय-पर्याप्नक | मन
जीबों तक होती है। । ये छह पर्याप्तियां | ४ भाषा और मनःपर्याप्ति | ४ इन्ही एकन्द्रिय जीवों के
के बिना चार पर्याप्तियां अपर्याप्तकाल में अपूर्णता एकेन्द्रिय पर्याप्नों के होती को प्राप्त ये ही चार
अपर्याप्तियां होती है। ४ प्राण १० १० प्राण संजीपंचेन्द्रिय पर्याः | ७ आनापान वचनबल, मनी- अतीत प्राण स्पर्शनेन्द्रिय प्तकों के होते हैं।
बल बिना शेष सात प्राण | रसनेन्द्रिय
९ प्राण मनोबलके बिना शेष | संजीपंचेन्द्रिय अपर्याप्तकों । घ्राणेन्द्रिय
नोप्राण असशी-पंचेन्द्रिय | के होते है । चक्षुरिन्द्रिय
पर्याप्तकों के होते हैं। । ७ आनापान, वचनबल बिना अपर्याप्त अवथोत्रेन्द्रिय
८ प्राण श्रोत्रन्द्रिय प्राण- | सातप्राण अमंजी पं. अप- स्था में जिन मनोबल
बिना पंप ८ प्राण चतु- र्याप्नकों के होते हैं। जिन प्राणों को वचनवल
घटाया है वह रिन्द्रिय जीवों के होते हैं। । ६ प्राण आनापान, वचनबल कायवल ७ प्राण चक्षुरिन्द्रिय प्राण- |
चिमा शेष छह प्राण चतु, अवस्था की श्वासोच्छ्वास
बिना शेष ७ प्राण रिन्द्रिय जीवों के होते हैं । अपेक्षा है परंतु आयुप्राण
श्रीन्द्रिय के होते हैं । ५ आनापान, वचनवल बिना लन्धिरूप सब ये दश प्राण है।
६ प्राण प्राणेन्द्रिय प्राण- | शेष पांच प्राण त्रीन्द्रिय प्राण अपर्याप्त बिना शंष ६ प्राण | जीवों होते हैं। अवस्था म भी द्वीन्द्रिय के होते हैं।
पर्याप्तवत ४ प्राण रसनेन्द्रिय वचनबल । ४ आनापान, वचनबल बिना ।
सनि गिने जाते है। ये दो के बिना पाष चार | दोष चार प्राण बोन्टिय दिखा षट्खडाप्राण एकन्द्रिय के होते है।। के होते हैं।
गमकाल प्रह४ प्राण केवली भगवान के ! ३ आनापान के बिना शेष पना गाथा पांच इन्द्रिय व मनोबल | तीन प्राण एकेन्द्रिय के |११९ को छोड़कर शेष चार | होते हैं। प्राण होते हैं । | ३ योग निरोध के समय । ... ।
। सुचना
उपयोग