________________
Somस्माना CircPAL
-
- समाजमा
- HTimesmeteria
- " -
६४)
[ परिकर्माष्टक सम्बन्धी प्रकरण इहा उदाहरण - तहां संकलन विर्षे पांच छट्ठा अंश दोय तिहाइ तीन पाव (चौथाई) इनकी जोडना होइ तहां ! ऐसा लिखि तहां पांच हार की अन्य के तीन च्यारि-अंशनि करि अर दोय हार कौं अन्य के छह-च्यारि अंशनि करि अर तीन हार कौं अन्य के छह-तीन अंशनि करि गुणे साठि अडतालीस चौवन हार भए । अर अंशनि
१६०/४८/५४ कौं परस्पर गुणे सर्वत्र बहत्तर अंश ऐस भए । इहां हारनि कौं जोडे एक सो बासठ हार पर बहत्तर अंश भए तहां हार कौं अंश का भाग दीए दोय पाये पर अवशेष अठारह का बहत्तरियां भाग रह्या। ताका अठारह करि अपवर्तन कीए एक का चौथा भाग भया । ऐसें तिनका जोड सवा दोय आया। कोई संभवता प्रमाण का भाग देइ भाज्य वा भाजक राशि का महत् प्रमाण कौँ थोरा कीजिए (वा निःशेष कीजिए) तहां अपवर्तन संज्ञा जाननी सो इहां अठारह का भाग दीए भाज्य अठारह था, तहां एक भया पर भागहार बहत्तर था, तहां च्यारि भया, तातें अठारह करि अपवर्तन भया कह्या । ऐसे ही अन्यत्र अपवर्तन का स्वरूप जानना । - बहुरि व्यक्कलन विर्षे जैसे तीन विर्षे पांच चौथा अंश घटावना । तहाँ 'कल्प्यो हरो रूपमहारराशेः' इस वचन तें जाके अंश न होइ, तहां एक अंश कल्पना, सो इहां तीनका अंश नाही, तातें एक अंश कल्पि। ऐसे लिखना इहां तीन हारनि कौं अन्य के च्यारि अंश करि, पर पांच हारनि कौं अन्य के एक अंश करि गुणे अर अंशनि कौं परस्पर गुणे | ऐसा भया। इहां बारह हारनि विर्षे पांच घटाएं सात हार भए । अर अंश च्यारि भए । तहां हार की अंश का भाग दीए एक पर तीन का चौथा भाग पौरण इतना फल पाया।
बहुरी भिन्न गुरणकार विर्षे गुण्य पर गुणकार के हार कौं हार करि अंश कौं अंश करि गुणन करना । जैसे दश की चौथाइ को च्यारि की तिहाइ करि गुणना होइ, तहां ऐसा | लिखि गुण्य-गुणकार के हार अर अंशनि कौं गुणें चालीस हार अर बारह अशा भए तहां हार कौं अंश का भाग दीए तीन पाया । अब शेष च्यारि का बारहवां भाग ताकौं च्यारि करि अपवर्तन कीए एक का तीसरा भाग भया । असे ही अन्यत्र जानना।
mta
A.
RA